Stop Loss Meaning in Hindi

What is Stop Loss in Share Market in Hindi?

Stop Loss वह मूल्य है जो शेयर मार्केट में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होने से बचाता है। यह ट्रेडर्स के जोखिम को कम कर उन्हें सही समय पर मार्केट से बाहर निकलने की अनुमति देता है।

शॉर्ट टर्म ट्रेड में स्टॉप लॉस की जरुरत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यहां जोखिम की संभावना और भी ज्यादा होती है। स्टॉप लॉस ट्रेडर के इसी जोखिम को सीमित करता है।

यह उनलोगों के लिए रामबाण की तरह है जो निरंतर ट्रेडिंग नहीं करते और जो शेयर बाजार के ट्रेंड से अनजान हैं। ऐसे लोग स्टॉप लॉस लगाकर अपने नुकसान को कम कर सकते हैं।

स्टॉप लॉस को अच्छे से समझने के लिए एक उदहारण लेते है।

यदि हम किसी कंपनी के शेयर को 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इस उम्मीद में खरीदते हैं कि इसकी प्राइस मार्केट में कभी तो 120 रुपये हो जाएगी और यह अच्छा-खासा रिटर्न देगी।

इसके उलट दूसरी स्थिति यह भी हो सकती है कि प्राइस 85 रुपये तक पहुंच जाए। मार्केट में इस तरह के बदलाव इतनी तेजी से होते हैं कि ट्रेडर को पता भी नहीं चलता।

इस स्थिति में यदि शेयर खरीदते समय ट्रेडर ने स्टॉप लॉस मूल्य यानी एक खास मूल्य जैसे 95 रुपये तय कर लिया है तो किसी भी वक्त मार्केट के उतार-चढ़ाव के दौरान शेयर प्राइस 95 पर पहुंचेगा तो शेयर खुद ब खुद सेल हो जाएगा और ट्रेडर बड़े नुकसान से बच जाएगा।

तो ये बात हुए स्टॉप लॉस क्या होता है, लेकिन अक्सर शुरूआती ट्रेडर्स इस असमंझस में रहते है कि स्टॉप लॉस कैसे लगाए।

SL Trigger Price Means in Hindi

जैसे की बताया गया है की स्टॉप लॉस की सही वैल्यू से आप अपने नुक्सान को सीमित कर सकते है तो यहाँ पर ज़रूरी है की आपको ट्रिगर प्राइस की जानकारी हो । ट्रिगर प्राइस वह प्राइस है जिस प्राइस पर आर्डर एक्सचेंज पर ट्रांसफर हो जाता है और फिर स्टॉप लॉस हिट होते ही आपका आर्डर निष्पादित हो जाता है ।

बाय और सेल दोनों के लिए स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस की वैल्यू अलग-अलग होती है, जैसे की अगर लॉन्ग पोजीशन ले रहे है तो ट्रिगर प्राइस की वैल्यू स्टॉप लॉस से ज़्यादा होती है और शार्ट पोजीशन के समय ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस से कम रखा जाता है ।

Stop Loss Kaise Lagaye

ऐसे ट्रेडर जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड की शुरुआत करने जा रहे हैं और उनके पास मार्केट के ट्रेंड को समझने का अनुभव नहीं है तो ट्रेडर के मन में नुकसान का डर सबसे ज्याादा होता है।

यह डर कभी-कभी इतना ज्यादा होता है कि लोग अपने ट्रेंडिंग के इरादों को भी बदल देते हैं। ऐसे ट्रेडर के लिए स्टॉप लॉस एक सहारे की तरह है जिससे वे अपने हिसाब से अपने लॉस को तय कर सकते हैं और प्रॉफिट को लॉक कर सकते हैं।

आइये जानते है कुछ ऐसे स्ट्रेटेजी जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सही ट्रिगर प्राइस सेट करने में मदद करती है ।

Best Stop Loss Strategy in Hindi

Stop loss के बारे में अच्छी तरह समझने के बाद सवाल उठता है कि आखिर किस प्राइस पर Stop loss लगाया जाए, क्या इसके लिए कोई नियम है?

इन सवालों के जवाब के साथ ही आप Stop loss को लेकर एक अच्छी रणनीति तैयार कर सकते हैं। शेयर मार्केट का गणित का सही उपयोग कर आप स्टॉप लॉस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

1. परसेंटेज मेथड (Percentage Method): ज्यादातर ट्रेडर Stop loss के लिए परसेंटेज नियम का पालन करते हैं। यह परसेंटेज नियम शेयर प्राइस का 10 प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए यदि शेयर प्राइस 100 रुपये है तो 100 रुपये का 10 प्रतिशत कम यानी 90 रुपये पर आप अपना Stop loss लगा सकते है।

क्योकि आप अपने रिस्क के अनुसार स्टॉप लॉस सेट करते है इसलिए शुरुआती ट्रेडर के लिए ये काफी चुनौतीपूर्ण होता है । अगर आप सही वैल्यू के साथ स्टॉप लॉस लगाना चाहते है तो उसके लिए आप आगे दी गयी सपोर्ट और रेजिस्टेंस मेथड का उपयोग कर सकते है। नए ट्रेडर्स के लिए ये एक अच्छा इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Intraday Trading Strategy in Hindi) मानी जा सकती है.

2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस मेथड (Support and Resistance in Hindi): हर एक स्टॉक अस्थिरता के चलते शेयर मार्केट चार्ट में एक सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल बनाता है और ये लेवल आपको स्टॉप लॉस लगाने में मदद करते है ।

अगर आपने लॉन्ग पोजीशन लेकर इंट्राडे ट्रेड की है तो यहाँ पर आप ट्रेडिंग प्राइस से पहले वाले सपोर्ट को पहचान उससे थोड़ा कम स्टॉप लॉस लगा सकते है ।

उदारहण के लिए अगर स्टॉक का एंट्री प्राइस 200 है और उसका सपोर्ट 185 पर है तो आप 182 पर स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस लगा सकते है । इसी तरह से अगर आपने शार्ट पोजीशन लेकर ट्रेड किया है तो आप रेसिस्टेन्स की जानकारी प्राप्त कर स्टॉप लोस्स ट्रिगर प्राइस लगा सकते है ।

अगर आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस की जानकारी प्राप्त करने में मुश्किल हो रही है तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला का उपयोग कर सकते है ।

स्टॉप लॉस के फायदे

Stop loss लगाने के लिए ट्रेडर को अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ती है। इस तरह से देखा जाए तो ट्रेडर के लिए यह एक फ्री इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है जो केवल फायदा ही पहुंचा सकती है नुकसान नहीं।

नए ट्रेडर को ट्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नए ट्रेडर के सामने सबसे बड़ी चुनौती और मार्केट में उतरने का डर होता है कि कही वो अपने पैसे न गंवा दें। इसलिए Stop loss जोखिम को कम कर ट्रेडर का मार्केट में उतरने के निर्णय में मदद करता है।

ये आपके मार्केट संबंधी भ्रांतियों को दूर कर एक विश्वास प्रदान करता है। यदि कोई ट्रेडर अपनी उम्मीद के मुताबिक ही मार्केट में जोखिम उठाता है तो मार्केट के प्रति उसका विश्वास बढ़ता है।

स्टॉप लॉस के नुकसान

Stop loss के सबसे बड़े नुकसानों में से एक की बात करें तो मार्केट में आई कुछ समय की अस्थिरता पर भी यह सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि हो सकता है कुछ समय अंतराल के बाद मार्केट में फिर से तेजी आ जाए।

ऐसे में ट्रेडर ज्यादा रिटर्न पाने की संभावना से वंचित रह जाता है। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लिया किसी ट्रेडर ने 120 में शेयर खरीदे और 108 का स्टॉप लॉस लगाया।

अब यदि क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है मार्केट कुछ समय के लिए भी नीचे आया तो शेयर 108 में सेल हो जाएगा जबकि यह शेयर ट्रेडर को और भी ज्यादा बड़ा रिटर्न दे सकता था।

स्टॉप लॉस लगाने के लिए कोई स्थायी नियम नहीं है। अलग-अलग ट्रेडर अपने हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं। एक और नुकसान की बात करें तो मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉप लॉस में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

निष्कर्ष

नए ट्रेडर के लिए Stop loss एक इंश्योरेंस की तरह तो है जो उनके जोखिम को खत्म क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है कर उनके पैसे खोने के डर को खत्म करता है लेकिन लेकिन कभी-कभी यह नुकसान भी पहुंचाता है।

स्टॉप लॉस को उन लोगों के लिए तो फायदेमंद है जो ट्रेड के बाद मार्केट के ट्रेंड पर नजर नहीं रखते लेकिन उन लोगों के लिए यह उतना फायदेमंद नहीं है जो मार्केट को करीब से जानते हैं और उसके हर मूवमेंट पर कड़ी नजर रखते हैं। सरल भाषा में इंट्राडे ट्रेडिंग के नियमों (intraday trading rules in hindi) में स्टॉप लॉस लगाना सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम माना जाता है।

तो सही से इसकी जानकारी लें ट्रेड में होने वाले नुकसान को सीमित करें ।

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Stop-Loss Order क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है क्या है?

स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या है? शेयर बाजार में [What is Stop-Loss Order? In Share Market ,In Hindi]

Stop-Loss Order एक व्यक्ति द्वारा अपने ब्रोकर के साथ एक सुरक्षा की बिक्री को अंजाम देने के लिए निर्धारित एक स्वचालित निर्देश है यदि कीमत एक निश्चित स्तर से नीचे आती है। यह निवेशकों को स्टॉक और बॉन्ड की बिक्री के माध्यम से अपने नुकसान को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है यदि कीमत एक निश्चित स्तर से नीचे गिरती है।

अधिक व्यापक समझ के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर उदाहरण तैयार किया जा सकता है। मान लीजिए कि राहुल के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज के 500 शेयर हैं, जिसे उन्होंने रुपये में खरीदा था। 100 प्रति शेयर, जिससे रुपये का निवेश। 50,000 किसी कारणवश इन शेयरों की कीमतों में बाजार में तेजी से गिरावट शुरू हो सकती है। ऐसी स्थितियों में, राहुल अपने ब्रोकर के साथ शेयरों को बेचने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर दे सकता है यदि कीमत 80 रुपये से कम हो जाती है। इसलिए, इस लेन-देन पर होने वाले नुकसान रुपये पर छाया हुआ है। 20 प्रति शेयर।

'स्टॉप लॉस' की परिभाषा [Definition of "Stop-Loss Order" In Hindi]

स्टॉप-लॉस को किसी परिसंपत्ति क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है को बेचने के लिए अग्रिम आदेश के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जब यह किसी विशेष मूल्य बिंदु पर पहुंच जाता है। इसका उपयोग किसी व्यापार में हानि या लाभ को सीमित करने के लिए किया जाता है। अवधारणा का उपयोग अल्पकालिक के साथ-साथ दीर्घकालिक व्यापार के लिए भी किया जा सकता है। यह एक स्वचालित आदेश है जो एक निवेशक दलाल/एजेंट क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है के साथ ब्रोकरेज की एक निश्चित राशि का भुगतान करके देता है। Stop-Loss को 'Stop-Order' या 'Stop-Market Order' के रूप में भी जाना जाता है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर देकर, निवेशक ब्रोकर/एजेंट को पूर्व-निर्धारित मूल्य सीमा तक पहुंचने पर सुरक्षा बेचने का निर्देश देता है।

  • स्टॉप-लॉस ऑर्डर को लागू करने से अधिकांश निवेशक लाभान्वित हो सकते हैं।
  • एक स्टॉप-लॉस एक सुरक्षा स्थिति पर एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो एक प्रतिकूल कदम उठाता है।
  • Stop-Loss Order का उपयोग करने का एक प्रमुख लाभ यह है कि आपको अपनी होल्डिंग्स की दैनिक निगरानी करने की आवश्यकता नहीं है।
  • एक नुकसान यह है कि एक अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव स्टॉप को सक्रिय कर सकता है और एक अनावश्यक बिक्री को ट्रिगर कर सकता है।

Stop-Loss Order क्या है?

स्टॉप-लॉस ऑर्डर के लाभ [Advantage of Stop-Loss Order] [In Hindi]

Stop-Loss Order का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसे लागू करने के लिए कुछ भी खर्च नहीं होता है। स्टॉप-लॉस मूल्य तक पहुंचने के बाद ही आपका नियमित कमीशन लिया जाता है और स्टॉक को बेचा जाना चाहिए। स्टॉप-लॉस ऑर्डर के बारे में सोचने का एक तरीका मुफ्त बीमा पॉलिसी है।

स्टॉप-लॉस ऑर्डर का एक अतिरिक्त क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है लाभ यह है कि यह निर्णय लेने को किसी भी भावनात्मक प्रभाव से मुक्त होने की अनुमति देता है। लोग स्टॉक क्यों एक स्टॉप लॉस रणनीति है के साथ "प्यार में पड़ जाते हैं"। उदाहरण के लिए, वे इस गलत धारणा को बनाए रख सकते हैं कि यदि वे स्टॉक को एक और मौका देते हैं, तो यह चारों ओर आ जाएगा। वास्तव में, यह देरी केवल नुकसान का कारण बन सकती है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस प्रकार के निवेशक हैं, आपको आसानी से यह पहचानने में सक्षम होना चाहिए कि आपके पास स्टॉक क्यों है। एक वैल्यू इन्वेस्टर का क्राइटेरिया ग्रोथ इन्वेस्टर के क्राइटेरिया से अलग होगा, जो एक एक्टिव ट्रेडर के क्राइटेरिया से अलग होगा। रणनीति कोई भी हो, रणनीति तभी काम करेगी जब आप रणनीति पर टिके रहेंगे। इसलिए, यदि आप एक कट्टर बाय-एंड-होल्ड निवेशक हैं, तो आपके स्टॉप-लॉस ऑर्डर बेकार हैं। Stock Split क्या है?

अंत में, यदि आप एक सफल निवेशक बनने जा रहे हैं, तो आपको अपनी रणनीति पर भरोसा होना चाहिए। इसका मतलब है कि अपनी योजना के साथ आगे बढ़ना। स्टॉप-लॉस ऑर्डर का लाभ यह है कि वे आपको ट्रैक पर बने रहने में मदद कर सकते हैं और आपके फैसले को भावनाओं से ढकने से रोक सकते हैं।

अंत में, यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि स्टॉप-लॉस ऑर्डर गारंटी नहीं देते हैं कि आप शेयर बाजार में पैसा कमाएंगे; आपको अभी भी बुद्धिमान निवेश निर्णय लेने होंगे। यदि आप नहीं करते हैं, तो आप बिना स्टॉप-लॉस (केवल बहुत धीमी दर पर) के जितना पैसा खो देंगे उतना ही खो देंगे।

स्टॉप-लॉस ऑर्डर का महत्व [Importance of Stop-Loss Order] [In Hindi]

Stop-Loss Order प्रभावी रूप से व्यक्तियों को बाजार की बारीकी से निगरानी किए बिना अपने नुकसान का प्रबंधन करने में मदद करता है। यह जोखिम-प्रतिकूल व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करते हुए शेयर बाजार में निवेश के माध्यम से पर्याप्त लाभ कमाने का लक्ष्य रखते हैं।

Stop-Loss Order भी व्यक्तियों को अपने चरम पर पहुंचने से पहले एक स्थिति से बाहर निकलने में मदद करती है, क्योंकि उच्चतम या निम्नतम मूल्य पहले से निर्धारित नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, यदि कोई निवेशक अधिक लाभ अर्जित करने के लिए एक विस्तारित अवधि के लिए अपनी स्थिति रखता है, तो मूल्य भिन्नता से महत्वपूर्ण पूंजीगत हानि हो सकती है।

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