Sensex के 26 स्टॉक्स 200 DMA के ऊपर हो रहे ट्रेड, जानिए मिल रहे क्या संकेत
Sensex : ज्यादातर शेयरों का मूविंग एवरेज से ऊपर होना एक अच्छा संकेत है, जिससे इंडेक्स की मजबूती जाहिर होती है। 200 day moving average को मीडियम से लॉन्ग टर्म टाइमफ्रेम के लिए इस्तेमाल किया जाता है
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के 24 नवंबर को 62,412 रुपये के स्तर को छूने के साथ वह अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के 24 नवंबर को 62,412 रुपये के स्तर को छूने के साथ वह अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इससे पहले, सेंसेक्स ने डे ट्रेडर क्या है लगभग एक साल पहले 19 अक्टूबर 2021 को 62,245 का पिछला हाई बनाया था। तब से इक्विटी मार्केट्स (equity markets) में कई वजहों से भारी दबाव बना हुआ था। हालांकि, बाद में हालात बेहतर हुए और फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) की वापसी के साथ भारतीय बाजारों को सपोर्ट मिला। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 24 नवंबर को BSE Sensex के 30 में से 26 स्टॉक्स 200 दिन के मूविंग एवरेज (200 day moving average) यानी 200 DMA से ऊपर ट्रेड हो रहे हैं। एक स्टॉक 200 DMA पर है और सिर्फ तीन शेयर अपने 200 DMA से नीचे कारोबार कर रहे हैं।
200 DMA की अहमियत
200 दिन के मूविंग एवरेज से स्टॉक के पिछले 200 दिनों (40 हफ्तों) के एवरेज प्राइस का पता चलता है। मूविंग एवरेज शब्द को बाजार के सामान्य ट्रेंड को जाहिर करने के लिए स्टॉक मार्केट में सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इससे ट्रेडर को बाजार में जारी तेजी या गिरावट के रुझान के बारे में पता चलता है।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा डे ट्रेडर क्या है सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
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Share Market ने पूरे किए सपने, नौकरी छोड़ आधी दुनिया की सैर कर चुकी है ये लड़की
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में राजर्षिता का कहना है कि यह जुए से कम नहीं है. ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लोभ में लोग सारी कमाई गंवा देते हैं. उन्होंने खुद भी ज्यादा कमाई करने के चक्कर में एफएंडओ ट्रेड (Future & Options) में पैसे गंवाए हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 06 जून 2022,
- (अपडेटेड 06 जून 2022, 12:58 PM IST)
- दुनिया घूमने के लिए छोड़ी बैंकर की नौकरी
- शेयर मार्केट में ट्रेड कर कमाती हैं पैसे
अच्छी-खासी सैलरी वाली बैंकर (Banker) की नौकरी को भला कौन छोड़ना चाहता है. हालांकि दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं, जिनका सपना अलग होता है. कोलकाता (Kolkata) की रहने वाली राजर्षिता सुर (Rajarshita Sur) की कहानी भी ऐसी ही है. राजर्षिता का सपना दुनिया घूमने का था और इस कारण उन्होंने बैंकर की नौकरी की परवाह नहीं की. सुर के सपने को पूरा करने में मददगार बना शेयर मार्केट (Share Market).
ऐसा था राजर्षिता सुर का सपना
राजर्षिता सुर को मुंबई में एक प्राइवेट बैंक डे ट्रेडर क्या है के ट्रेजरी डिपार्टमेंट में नौकरी मिली थी. उन्हें नौकरी से कोई खास परेशानी नहीं थी, बस उन्हें जब मन करे तब घूमने निकल जाने की आजादी नहीं थी. वह चाहती थीं कि कोई ऐसा काम हो, जिसमें ऑफिस के घंटों से बंधने की मजबूरी नहीं हो और इतनी कमाई भी होती रहे कि खर्चे का टेंशन नहीं हो. चूंकि वह बैंक में फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) का काम देख रही थीं, उन्होंने स्टॉक मार्केट में किस्मत आजमाने का फैसला किया.
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ऐसे की शेयर मार्केट में शुरुआत
राजर्षिता सुर ने बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद इंडीपेंडेंट तरीके से स्टॉक मार्केट में ट्रेड (Stock Market Trading) करने लगीं. शुरुआत में उन्होंने एक कॉरपोरेट फर्म के साथ तीन साल तक प्रॉपरायटरी इक्विटी ट्रेडर के रूप में काम किया. इस नौकरी के साथ-साथ वह अपना ट्रेड भी करती रहीं. धीरे-धीरे राजर्षिता को शेयर मार्केट की चाल समझ आने लगी और उन्होंने ठीक-ठाक फंड भी बना लिया. बस फिर क्या था, उन्होंने ये नौकरी भी छोड़ दी और दुनिया घूमने निकल पड़ीं.
कर चुकीं दुनिया के इन हिस्सों की सैर
आज राजर्षिता सुर की पहचान एक इन्वेस्टमेंट गुरू (Investment Guru) के रूप में बन चुकी है. उन्हें शेयर मार्केट में डे ट्रेडर क्या है ट्रेड करते हुए आठ साल हो चुके हैं. राजर्षिता सुर अभी तक ब्रिटेन (Britain), तुर्की (Turkey), दक्षिण पूर्वी एशिया (South East Asia) और लगभग 70 फीसदी यूरोप (Europe) की सैर कर चुकी हैं. अभी-अभी उन्होंने नेपाल (Nepal) का ट्रिप पूरा किया है और अब केन्या (Kenya) व आइसलैंड (Iceland) जाने की तैयारी में हैं. राजर्षिता हर साल विदेश की सैर करने के लिए कम-से-कम 10 लाख रुपये अलग रख दिया करती हैं. उनका कहना है कि वह हर महीने 3-4 फीसदी फायदा कमाने का टारगेट रखती हैं. जैसे ही ये टारगेट अचीव होता है, वह ट्रेडिंग बंद कर सैर करने निकल पड़ती हैं.
जुए से कम नहीं है शेयर मार्केट
राजर्षिता के इंस्टाग्राम (Rajarshita Instagram) अकाउंट से भी पता चलता है कि उन्हें घूमने का कितना शौक है. उन्होंने इंस्टाग्राम के बायो में ही लिखा हुआ है. फॉरएवर ऑन वैकेशन. इंस्टाग्राम पर उन्होंने देश-विदेश की सैर की दर्जनों तस्वीरें अपलोड की हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में राजर्षिता का कहना है कि यह जुए से कम नहीं है. ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लोभ में लोग सारी कमाई गंवा देते हैं. उन्होंने खुद भी ज्यादा कमाई करने के चक्कर में एफएंडओ ट्रेड (Future & Options) में पैसे गंवाए हैं. हालांकि अब उन्होंने इस गलती से सीख ले ली है और ट्रेडिंग से ज्यादा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Long Term Investment) पर फोकस करती हैं.
अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर में 2 दिन में पहुंचे 1 लाख से ज़्यादा लोग, जानें - इस बार क्या है खास
ट्रेड फेयर में बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र भागीदार राज्य हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और केरल को फोकस राज्य का दर्जा दिया गया है. मेले में 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं.
इस बार डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलेजी ने भी ट्रेड फेयर में अपने प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं. (फाइल फोटो)
दिल्ली के प्रगति मैदान में 41वां अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है. 14 नवंबर से फेयर का आगाज हो गया है, लेकिन उसे केवल बिज़नेस क्लास के लोगों के लिए खोला गया था. आम जनता के लिए इसे 19 नवंबर से खोला गया है, जो 27 नवंबर तक चलेगा.
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आईटीपीओ के चैयरमेन प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक अब तक 1 लाख से ज्यादा लोग इन दो दिनों में फेयर में आ चुके हैं. वहीं, अब ये संख्या और बढ़ेगी.
मेले में क्या खास है इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार के ट्रेड फेयर में लद्दाख का स्टॉल भी लगा है. 3 साल पहले यूटी में शामिल होने के बाद इस साल लद्दाख ने ट्रेड फेयर में भाग लिया है. लोग वहां के सामान को भी पसंद कर रहे है.
वहीं, ट्रेड फेयर में बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र भागीदार राज्य हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और केरल को फोकस राज्य का दर्जा दिया गया है. मेले में 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं. साथ ही अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, यूएई, वियतनाम, चीन, टयूनिशिया, लेबनान, तुर्की ने भी फेयर में हिस्सा लिया है.
बता दें कि इस बार डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलेजी ने भी ट्रेड फेयर में अपने प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं, जिसमें हार्ट के लिए स्टेंट भी शामिल है. जिस स्टेंट की कीमत अस्पतालों में 40-50 हज़ार रुपये से शुरू होती है, वही स्टेंट फेयर में 15-20 हज़ार में ही मिल रहा है. साथ ही भारत के बनाए गए स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रोडक्ट से आम जनता को भी अपनी जेब ज्यादा खाली नहीं करनी पड़ेगी.
वहीं, अगर आप संगीत और आर्ट के भी शौकीन हैं तो फेयर में आपको हर राज्य का कल्चरल संगीत सुनने को मिलेगा. साथ ही हर राज्य के बनाए गए फूड कार्नर भी वहां का पारंपरिक खाना भी चखने को मिलेगा.
अगर आपने ट्रेड फेयर घूमने का प्लान बना लिया है तो आप इसकी टिकट ऑनलाइन या मेट्रो स्टेशन से भी ले सकते हैं. वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के लिए फेयर में एंट्री फ्री है. साथ ही प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से शटल भी फ्री में ही मेले तक लेकर जाती है.
वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ई रिक्शा का भी प्रबंध है. सुबह 10 बजे से शाम 7.30 बजे तक आप 26 नवंबर तक ट्रेड फेयर में जा सकते हैं. वहीं, 27 नवंबर यानि आखिरी दिन में 4.30 बजे ही बंद हो जाएगा.
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