मल्टी एसेट एलोकेशन फंड: म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में इक्विटी, डेट और गोल्ड तीनों तरह के एसेट क्लास में निवेश किया जा सकता है. इसमें 65 फीसदी निवेश इक्विटी में, 20 से 25 फीसदी निवेश डेट में और 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में किया जाता है.
हाइब्रिड म्यूच्यूअल फण्ड क्या है प्रकार (Hybrid Mutual Fund In Hindi)
Hybrid Fund In Hindi: दोस्तों अगर आप म्यूच्यूअल फंड में SIP या Lump Sum के द्वारा निवेश करते हैं तो आपको पता ही होगा म्यूच्यूअल फंड भी अनेक प्रकार के होते हैं, इनमें से एक प्रमुख प्रकार का म्यूच्यूअल फंड होता है Hybrid Mutual Fund, जिसमें निवेश करना अन्य म्यूच्यूअल फंड की तुलना में कम जोखिम भरा माना जाता है.
लेकिन अनेक सारे नए निवेशकों को हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड की जानकारी नहीं होती है इसलिए वह इन्टरनेट पर खोजते रहते हैं Hybrid Mutual Fund क्या है, हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं, हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड में निवेश कैसे हाइब्रिड फंड क्या हैं करें और हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के फायदे क्या – क्या हैं.
हाइब्रिड म्यूच्यूअल फण्ड क्या है प्रकार (Hybrid Mutual Fund In Hindi)
Hybrid Fund In Hindi: दोस्तों अगर आप म्यूच्यूअल फंड में SIP या Lump Sum के द्वारा निवेश करते हैं तो आपको पता ही होगा म्यूच्यूअल फंड भी अनेक प्रकार के होते हैं, इनमें से एक प्रमुख प्रकार का म्यूच्यूअल फंड होता है Hybrid Mutual Fund, जिसमें निवेश करना अन्य म्यूच्यूअल फंड की तुलना में कम जोखिम भरा माना जाता है.
लेकिन अनेक सारे नए निवेशकों को हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड की जानकारी नहीं होती है इसलिए वह इन्टरनेट पर खोजते रहते हैं Hybrid Mutual Fund क्या है, हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं, हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड में निवेश कैसे करें और हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के फायदे क्या – क्या हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: कम रिस्क के साथ मिलेगा बेहतर रिटर्न, किसे करना चाहिए निवेश?
Hybrid Mutual Funds: म्यूचुअल फंडों की अलग अलग कैटेगिरी में एक हाइब्रिड फंड भी है. ऐसी स्कीमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्लास में निवेश करती हैं.
Hybrid Mutual Funds: म्यूचुअल फंडों की अलग अलग कैटेगिरी में एक हाइब्रिड फंड भी है. ऐसी स्कीमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्लास में निवेश करती हैं. अगर आप कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर हैं यानी बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. इनमें जहां दूसरे कैटेगिरी के मुकाबले रिस्क कम है, वहीं रिटर्न भी बेहतर मिल रहा है. पिछले 3 से 5 साल के दौरान कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने डबल डिजिट में यानी 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड 19 संकट में अगर बाजार में अनिश्चितता को लेकर निवेशक कन्फ्यूज हैं तो, हाइब्रिड फंड में जोखिम से सुरक्षा मिल सकती है.
बेहतर मिल रहा है रिटर्न
इनमें भी अलग अलग स्कीम हैं. एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम इनमें शामिल हैं. बीते 5 साल की बात करें तो एग्रेसिव हाइब्रिड फंडों का औसत रिटर्न 10.50 फीसदी रहा है. बैलेंस्ड हाइब्रिड सेग्मेंट का औसत रिटर्न 5 साल में करीब 8 फीसदी रहा है. कंजर्वेटिव हाइब्रिड में 5 साल का औसत रिटर्न 7 फीसदी रहा है. हाइब्रिड इक्विटी सेविंग में 5 साल का औसत रिटर्न 7 फीसदी से ज्यादा रहा है.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश करते हैं. इनमें इक्विटी और डेट एसेट शामिल हैं. कई बार ये स्कीमें सोने में भी पैसा लगाती हैं. यानी एक ही प्रोडक्ट में इक्विटी, डेट और सोने में पैसा लगाने का मौका मिलता है. इस तरह से इनका निवेश काफी डायवर्सिफाइड होता है. इसका फायदा यह है कि अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट या सोने का रिटर्न ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है. उसी तरह से डेट या सोने में रिटर्न कमजोर पड़े तो इक्विटी हाइब्रिड फंड क्या हैं का रिटर्न इसे बैलेंस कर देता है.
विदेशी बाजारों में भी निवेश का मौका
हाल ही में पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए इंटरनेशनल इक्विटी में निवेश शुरू किया है. पीजीआईएम इंडिया हाइब्रिड इक्विटी फंड ने पीजीआईएम जेनिसन ग्लोबल इक्विटी अपॉर्च्युनिटी फंड के माध्यम से इंटरनेशनल इक्विटीज में निवेश करना शुरू किया है. फंड 3 अलग-अलग एसेट क्लास जैसे डोमेस्टिक इक्विटी, डोमेस्टिक डेट और इंटरनेशनल इक्विटीज में निवेश करता है, जिससे पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद मिलती है.
इससे फंड उन निवेशकों के लिए आकर्षक हो जाता है जो स्टडी कंपाउंडर्स और वैश्विक दिग्गज कंपनियों में निवेश करके इन्वेस्टमेंट ग्रोथ की संभावनाएं तलाशते हैं. वहीं उनके लिए भी जो फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट और हाई क्वालिटी लो ड्यूरेशन निवेश से से पोर्टफोलियो में स्थिरता चाहते हैं.
किसे करना चाहिए निवेश
एसेट एलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन पर फोकस कर म्यूचुअल फंड की ये स्कीमें तमाम एसेट क्लास में निवेश करती हैं. इनमें वे निवेशक भी पैसा लगा सकते हैं जो न के बराबर जोखिम ले सकते हैं. थोड़ा जोखिम लेने की क्षमता रखने वालों के लिए भी ये सही हैं. हालांकि एग्रसिव इन्वेस्टर्स भी इनमें पैसा लगा सकते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड के नए निवेशक हैं तो ये स्कीम बेहतर हो सकती है.
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में 65 से 80 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. वहीं, 20 से 35 फीसदी निवेश डेट में किया जाता है.
बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड और एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड अपने कुल एसेट का करीब 40 से 60 फीसदी इक्विटी या डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हें. ये स्कीम आर्बिट्राज में निवेश नहीं कर सकती हैं.
डायनेमिक एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड: म्यूचुअल फंड की ये स्कीम कुल निवेश का 100 फीसदी इक्विटी या डेट में निवेश कर सकती है. यह अपने निवेश का प्रबंधन डायनेमिक तरीके से करती है.
Hybrid Mutual Funds: इन स्कीमों ने 15 साल में सिप के निवेश को किया तिगुना
क्या आप शेयरों में निवेश से अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं, लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव से डरते हैं? अगर हां तो आपके लिए हाइब्रिड फंड्स में निवेश करना ठीक रहेगा। हाइब्रिड फंड की कई सब-कैटेगरी होती है। हम आपको कुछ एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने निवेशकों को मालामाल किया है। इन स्कीमों ने सिप से निवेश के पैसे को 15 साल में तीन गुना कर दिया है।
पहले हमारे लिए यह जान लेना ठीक रहेगा हाइब्रिड फंड क्या हैं कि हाइब्रिड फंड किसे कहते हैं। हाइब्रिड फंड म्यू्चुअल फंड की ऐसी स्कीम है, जो शेयर और डेट (जैसे बॉन्ड) में पैसे लगाती है। हाइब्रिड फंड की एक सब-कैटेगरी है एग्रेसिव हाइब्रिड फंड। यह अपना 65 से 80 फीसदी पैसा शेयरों में लगाता है। बाकी पैसा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाता है। इससे जुड़े टैक्स के नियम वही हैं, जो इक्विटी फंडों पर लागू होते हैं।
Money9 : क्या होते हैं Conservative Hybrid Fund? इनमें निवेश से क्या फायदा?
Money9 : अगर आप यह सोचते हैं कि कंजर्वेटिव इनवेस्टर का मतलब ऐसे निवेशक से है जो सिर्फ डेट में निवेश करें तो कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड आपको गलत साबित कर देगा. यह एक ऐसा फंड है जो डेट के साथ ही इक्विटी यानी शेयरों में भी निवेश का फायदा दिलाता है. ऐसे निवेशक जो सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं और ऊंचे रिटर्न कमाने के मौके के साथ ही स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं, उनके लिए कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है.
तो सबसे पहले तो चलिए समझते हैं कि ये फंड होते क्या हैं?
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो मुख्यत: डेट में निवेश करते हैं. इनके एसेट का 75 हाइब्रिड फंड क्या हैं से 90% तक डेट में, जबकि बाकी हिस्सा यानी 10 से 25% शेयरों में निवेश किया जाता है. यानी इन फंड्स के ज्यादातर एसेट बॉन्ड, डिबेंचर, ट्रेजरी बिल जैसे डेट सिक्योरिटीज में निवेश किए जाते हैं. इस एसेट आवंटन की वजह से ही कंजर्वेटिव फंड्स को सुरक्षित निवेश साधन माना जाता है. यह डेट के हाई वेटेज की वजह से कंजर्वेटिव इनवेस्टर्स के लिए उपयुक्त होते हैं.
अब आपके मन में सवाल आएगा कि क्या मुझे कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए?
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