Delhi Auto and Cab strike

परेशानी: ट्रक हड़ताल से सीमेंट का शार्टेज, 240 की बोरी 300 या ज्यादा में भी, कई प्रोजेक्ट रुके

इस वजह से डीलर्स के पास सीमेंट का स्टाॅक या तो खत्म हो गया, या थोड़ा बचा है। इसका नतीजा कालाबाजारी के रूप में सामने आ रहा है और रायपुर में 240 रुपए सीमेंट की बोरी 300 रुपए या ज्यादा में बिक रही है। जिनके पास पुराना स्टॉक है, वे मुंहमांगी कीमत मांग रहे हैं। इसका असर आम लोगों से लेकर कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ा है।

बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने काम बंद करवा दिया है। शहर में कई सरकारी और निजी निर्माण कार्य बंद हैं। सरकारी ठेकेदार भी विभाग को बता रहे हैं कि सीमेंट की सप्लाई नहीं होने से काम रोकना पड़ा है। ट्रक एसोसिएशन की बड़ी मांग यही है कि सीमेंट कंपनियां ट्रक भाड़े में 40 फीसदी की बढ़ोतरी करें, क्योंकि मौजूदा भाड़ा 9 साल पहले तय किया गया था। तब डीजल 40 से 50 रुपए लीटर था, अब 90 रुपए लीटर है।

ऐसे में पुराने भाड़े में ट्रक नहीं चलाया जा सकता है। एक तरफ सीमेंट की शार्टेज हो रही है, तो दूसरी ओर माल नहीं उठने यानी सप्लाई चेन टूटने के कारण सीमेंट संयंत्रों ने उत्पादन घटा दिया है और मशीनें बंद हो रही हैं। उत्पादन कम होने की वजह से आने वाले दिनों में असर और प्रतिकूल हो सकता है।

बलौदाबाजार सीमेंट हब, यहीं से देशभर में सप्लाई
बलौदाबाजार की पहचान देश के उन जिलों में है जहां सबसे ज्यादा सीमेंट की सप्लाई की जाती है। इस जिले के हिरमी-रावन गांव में ही नौ बड़े सीमेंट प्लांट हैं। यहां का बना सीमेंट देश के लगभग सभी राज्यों में भेजा जाता है। हर प्लांट में दो-दो यूनिट है, जिसमें 10 हजार टन सीमेंट का प्रोडक्शन और सप्लाई किया जाता है। इसमें केवल अल्ट्राटेक सीमेंट के पास ही खुद का रेलवे ट्रैक है।

इसलिए वो दूसरे राज्यों में इस रेल पटरी से सीमेंट भेज सकता है, लेकिन बाकी सीमेंट फैक्ट्रियों से सप्लाई ट्रकों से ही होती है। इस वजह से छत्तीसगढ़ में रायपुर समेत सभी जिलों में सीमेंट की सप्लाई ठप हो गई है। इधर दूसरी ओर कुछ ट्रक वालों ने सीमेंट की सप्लाई की तो उन्हें एसोसिएशन के विरोध का सामना हड़ताल की कीमत भी करना पड़ा है। खरोरा के पास ट्रक में लदी बोरियों को निकालकर पानी में डालने की भी सूचना मिली है।

इन कंपनियों से सप्लाई बंद
ट्रक वालों की हड़ताल की वजह से अंबुजा सीमेंट, नोवोको लाफार्ज सीमेंट, इमामी सीमेंट, श्री सीमेंट बलौदाबाजार, ग्रासिम सीमेंट रावन, अल्ट्राटेक सीमेंट हिरमी, सेंचुरी सीमेंट तिल्दा-नेवरा, जेके लक्ष्मी सीमेंट अहिवारा दुर्ग, एसीसी सीमेंट जामुल दुर्ग से सीमेंट की सप्लाई नहीं हो पा रही है। ट्रक एसोसिएशन के इंकार के कारण इन प्लांट्स से 26 फरवरी से सीमेंट की लोडिंग-अनलोडिंग बंद है।

पिलर और लेंटर का काम रोका
"एक हफ्ते से सीमेंट की सप्लाई बाधित है। सभी बिल्डरों को काम धीमा करना पड़ा है। बड़े पिलर और लेंटर रोक दिए गए हैं।"
-रवि फतनानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ क्रेडाई

ठेकेदारों ने बंद किया काम
"बड़ी निर्माण एजेंसियों को पुराना स्टाॅक सप्लाई कर रहे हैं। इसलिए सबका काम धीमा है। कई ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है।"
-बीरेश शुक्ला, अध्यक्ष छग कांट्रेक्टर संघ

CNG की बढ़ती कीमतों के कारण दिल्ली में आज ऑटो- कैब की हड़ताल, हड़ताल की कीमत पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पड़ेगा असर

दिल्ली में टैक्सी और ऑटो यूनियन ने आज हड़ताल करने का फैसला किया है। लगातार पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के बढ़ती कीमतों की वजह से आज दिल्ली में चक्का जाम किया जाएगा। बढ़ती कीमतों से परेशान कैब और ऑटो यूनियन ने किराया बढ़ाने की मांग रखी है।

Auto Taxi Cab Driver Strik

Auto Taxi Cab Driver Strike : देश की राजधानी दिल्ली में आज यात्रिों को यात्रा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऑटो, कैब, टैक्सी और मिनी बस चालकों के अलग अलग संगठनों ने सोमवार को दिल्ली में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। लगातार पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के बढ़ती कीमतों की वजह से सोमवार को राजधानी में चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है। हड़ताल की वजह से जो लोग टैक्सी, ऑटो, मिनी बस, ओला और उबर का इस्तेमाल करने वाले है उनको आज दिनभर परेशानियों से जुझना पड़ेगा।

Delhi Auto-Taxi Strike: दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म, लेकिन साथ में दी ये चेतावनी

दिल्ली में 90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं. ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया था.

Delhi Auto and Cab strike

Delhi Auto and Cab strike

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2022,
  • (Updated 19 अप्रैल 2022, 5:20 PM IST)

सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन

आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म हो गई है. भारतीय मजदूर संघ की यूनिट दिल्ली ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन इसके साथ उन्होंने कुछ चुनौतियां भी दी हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार मांगों को नहीं मानती है तो 20-25 दिन बाद फिर से इसे शुरू किया जाएगा.

इसे लेकर राजधानी परिवहन पंचायत के प्रेजिडेंट इंद्रजीत सिंह ने कहा, “हमने हड़ताल वापस ले ली है ताकि जनता को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो 20-25 दिनों के बाद दिल्ली में दूध, पानी की आपूर्ति नहीं होने के लिए तैयार रहें.”

सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन

दिल्ली में 90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं. इसी के कारण कई सारे यात्रियों को सोमवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

दरअसल, ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराए में हुई बढ़ोतरी और फ्यूल की कीमतों को कम करने की मांग कर रही हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी. लेकिन समस्याओं के समाधान के आश्वासन के बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ. जिसके बाद टैक्सी और ऑटो ड्राइवर्स को हड़ताल करनी पड़ी.हड़ताल की कीमत

2 दिन की थी हड़ताल

गौरतलब है कि ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल की घोषणा की थी. इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरे. सभी ड्राइवर्स का आरोप है कि केंद्र और दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसके लिए उन्होंने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनकी मांगों पर प्रकाश डाला था, जिसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी को शामिल किया गया था. ऑटो और टैक्सी ड्राइवर्स की मांग है कि सरकार सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी प्रदान करे.

आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

बता दें, ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया हड़ताल की कीमत था. हालांकि, दिल्ली में सीएनजी की कीमतें पिछले हफ्ते ₹2.5 प्रति किलोग्राम बढ़कर ₹71.61 प्रति किलोग्राम हो गईं, पिछले एक साल में कीमत 60 प्रतिशत या ₹28 प्रति किलोग्राम से ज्यादा बढ़ गई है.

Delhi Auto-Taxi Strike: दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म, लेकिन साथ में दी ये चेतावनी

दिल्ली में 90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं. ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया था.

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  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2022,
  • (Updated 19 अप्रैल 2022, 5:20 PM IST)

सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन

आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

दिल्ली में ऑटो और टैक्सी की हड़ताल खत्म हो गई है. भारतीय मजदूर संघ की यूनिट हड़ताल की कीमत दिल्ली ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन इसके साथ उन्होंने कुछ चुनौतियां भी दी हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार मांगों को नहीं मानती है तो 20-25 दिन बाद फिर से इसे शुरू किया जाएगा.

इसे लेकर राजधानी परिवहन पंचायत के प्रेजिडेंट इंद्रजीत सिंह ने हड़ताल की कीमत कहा, “हमने हड़ताल वापस ले ली है ताकि जनता को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो 20-25 दिनों के बाद दिल्ली में दूध, पानी की आपूर्ति नहीं होने के लिए तैयार रहें.”

सरकार ने दिया था कीमतों पर विचार करने का आश्वासन

दिल्ली में 90,000 से ज्यादा ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सियां हैं. इसी के कारण कई हड़ताल की कीमत सारे यात्रियों को सोमवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

दरअसल, ऑटो और कैब ड्राइवरों की कई यूनियनें किराए में हुई बढ़ोतरी और फ्यूल की कीमतों को कम करने की मांग कर रही हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार ने समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी. लेकिन समस्याओं के समाधान के आश्वासन के बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ. जिसके बाद टैक्सी और ऑटो ड्राइवर्स को हड़ताल करनी पड़ी.

2 दिन की थी हड़ताल

गौरतलब है कि ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल की घोषणा की थी. इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरे. सभी ड्राइवर्स का आरोप है कि केंद्र और दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसके लिए उन्होंने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनकी मांगों पर प्रकाश डाला था, जिसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी को शामिल किया गया था. ऑटो और टैक्सी ड्राइवर्स की मांग है कि सरकार सीएनजी की कीमतों हड़ताल की कीमत पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी प्रदान करे.

आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था ऑटो किराया

बता दें, ऑटो किराए को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था, जब प्रति किलोमीटर फेयर ₹8 से बढ़ाकर ₹9.5 कर दिया गया था. हालांकि, दिल्ली में सीएनजी की कीमतें पिछले हफ्ते ₹2.5 प्रति किलोग्राम बढ़कर ₹71.61 प्रति किलोग्राम हो गईं, पिछले एक साल में कीमत 60 प्रतिशत या ₹28 प्रति किलोग्राम से ज्यादा बढ़ गई है.

मंडी में हड़ताल के बाद सुस्ती: आवक कम, कीमत भी गिरी, 4500 के अधिकतम भाव पर बिका चना

2 दिन की हड़ताल के बाद गुरुवार को खुली मंडी में कृषि जिंसों की हड़ताल की कीमत आवक कम देखने को मिली। सबसे बड़ी गिरावट गेहूं की आवक और बिकवाली में देखने को मिली है। इसकी कीमतों में भी खासी गिरावट आई है। गेंहू 6 हजार क्विंटल आवक के साथ सबसे कम बिकवाली के हड़ताल की कीमत स्तर पर रहा। कीमतों में भी खासी कमी रही। जहां यह न्यूनतम 1800 रु क्विंटल पर बिका। वहीं अधिकतम कीमत भी 2100 रु प्रति क्विंटल मिली। इसके अलावा सोयबीन पीला कुल 710 क्विंटल आवक के साथ न्यूनतम हड़ताल की कीमत 5000 और अधिकतम 6878 रु क्विंटल बेचा गया। चना 3500 से 4501 रु क्विंटल। मक्का न्यूनतम 2071 और अधिकतम 2299 रु क्विंटल बिकी। जो गेंहू से अच्छी रही। सरसों 5200 रु न्यूनतम और 6029 रु अधिकतम पर बिकी। मसूर 5100 न्यूनतम और अधिकतम 5451 रु क्विंटल। तुवर 4600 रु क्विंटल से अधिकतम 5405 रु क्विंटल रही।

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