रुपया रसातल में, अब विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, 4.50 करोड़ डॉलर की बड़ी गिरावट
अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।
भारतीय करेंसी रुपया में हर दिन नई गिरावट आ रही है। इस गिरावट के बीच अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी। बता दें कि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
लगातार आ रही गिरावट: देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है। दरअसल, तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है।
आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं। एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। जबकि 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया।
रुपया का हाल: बता दें कि अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।
लगातार चौथे हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा, 561 अरब डॉलर के पार गया
वहीं 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। एक सप्ताह में दूसरी बार सबसे अधिक वृद्धि हुई थी।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से उछाल आया है। दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.162 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चौथे सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
वहीं 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। एक सप्ताह में दूसरी बार स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार सबसे अधिक वृद्धि हुई थी। बता दें कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 9.694 अरब डॉलर बढ़कर 496.984 अरब डॉलर हो गईं। इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 1.086 अरब डॉलर बढ़कर 41.025 अरब डॉलर हो गया।
समीक्षाधीन सप्ताह स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 7.5 करोड़ डॉलर स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार घटकर 5.108 अरब डॉलर रह गया।
Stock Market Outlook: इस सप्ताह बाजार का रुख कैसा रहेगा?
Stock Market Outlook विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 23 सितंबर को सामने आएंगे और बाजार की नजर इस पर रहेगी। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा किए गए निवेश के रुझान के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी एक अहम मुद्दा रहेगा।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। पिछले सप्ताह अमेरिकी फेड द्वारा उच्च मुद्रास्फीति पर कंट्रोल करने के लिए आक्रामक तरीकों से ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की गई, जिससे बाजार में गिरावट देखने को मिली। सप्ताह के लिए Nifty 1.70% नीचे 17,530.85 पर बंद हुआ जबकि Sensex 1.59% नीचे 58,840.79 पर बंद हुआ।
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20 सितंबर को जारी होने वाले अगस्त माह के कृषि मजदूरों व ग्रामीण मजदूरों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर व्यापारियों की पैनी नजर रहेगी। विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 23 सितंबर को सामने आएंगे और बाजार सहभागियों की नजर इस पर रहेगी। बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले सप्ताह के 561050 मिलियन डॉलर से घटकर 2 सितंबर को अब तक के सबसे निचले स्तर 553110 मिलियन डॉलर पर आ गया है।
इस बीच, बाजार सहभागी विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors) द्वारा किए गए निवेश के रुझान के साथ-साथ डॉलर के संबंध में रुपये की गति पर विशेष रूप से ध्यान देंगे।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर, निवेशकों का ध्यान अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर लिए जाने वाले निर्णय, FOMC आर्थिक अनुमानों और 21 सितंबर को फेड की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर केंद्रित रहेगा। इसके अलावा US इनिशियल जॉबलेस क्लेम डाटा 22 सितंबर को जारी किया जाएगा।
Report: दुनिया के शेयर बाजारों में भारत का बेहतर प्रदर्शन, चीन के शेयर बाजार में 16 फीसदी की गिरावट
अमेरिका का डाऊजोंस और फ्रांस का बाजार 20-20% गिरा है। स्विटजरलैंड का शेयर बाजार 22.2%, यूरो बाजार 22.8%, हांगकांग 23.3% गिरा है। जर्मनी का बाजार 23.7% गिरा है, वहीं अमेरिका के एसएंडपी 500 में 23.8% की गिरावट आई है।
एसबीआई की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार ने दुनिया के बाजारों में इस साल सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में 3.5% की गिरावट आई है। ब्रिटेन के शेयर बाजार में 6.5%, जापान के शेयर बाजार में 9.8% और चीन के शेयर बाजार में 16% की गिरावट आई है।
इसी दौरान अमेरिका का डाऊजोंस और फ्रांस का बाजार 20-20% गिरा है। स्विटजरलैंड का शेयर बाजार 22.2%, यूरो बाजार 22.8%, हांगकांग 23.3% गिरा है। जर्मनी का बाजार 23.7% गिरा है, वहीं अमेरिका के एसएंडपी 500 में 23.8% की गिरावट आई है। रूस के बाजार में सबसे अधिक 49.8 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
भारतीय बाजार को संभाल रहे हैं खुदरा निवेशक
खुदरा निवेशक भारतीय बाजार को संभाल रखे हैं। इन्होंने कोरोना में बाजार में प्रवेश किया। तब से सेकेंडरी बाजार में 2.9 लाख करोड़ लगाए हैं। इसमें से 2.3 लाख करोड़ 2021 में और इस साल की पहली छमाही में आया है।
यूके का भंडार 11.7% घटा
यूके का फॉरेक्स 11.7% घटा है। दक्षिण कोरिया का फॉरेक्स 5.50% या 24 अरब डॉलर घटा है। जापान के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.5% की कमी आई है। यह 1,259 अरब डॉलर से 1,177 अरब डॉलर रह गया है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4.9 फीसदी या 159 अरब डॉलर कम होकर 3,055 अरब डॉलर रह गया।
देश का फॉरेक्स 86 अरब डॉलर घटा
डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। शीर्ष देशों की तुलना करें तो भारत के मुद्रा भंडार में ज्यादा गिरावट आई है। इस साल फरवरी में विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) 632 अरब डॉलर था। अगस्त में यह 86 अरब डॉलर या 13.6 फीसदी घटकर 546 अरब डॉलर पर आ गया। थाईलैंड का फॉरेक्स इसी दौरान 223 अरब डॉलर से 28 अरब डॉलर या 12.6 फीसदी गिरकर 195 अरब डॉलर पर आ गया है।
विस्तार
एसबीआई की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार ने दुनिया स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार के बाजारों में इस साल सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में 3.5% की गिरावट आई है। ब्रिटेन के शेयर बाजार में 6.5%, जापान के शेयर बाजार में 9.8% और चीन के शेयर बाजार में 16% की गिरावट आई है।
इसी स्टॉक और विदेशी मुद्रा समाचार दौरान अमेरिका का डाऊजोंस और फ्रांस का बाजार 20-20% गिरा है। स्विटजरलैंड का शेयर बाजार 22.2%, यूरो बाजार 22.8%, हांगकांग 23.3% गिरा है। जर्मनी का बाजार 23.7% गिरा है, वहीं अमेरिका के एसएंडपी 500 में 23.8% की गिरावट आई है। रूस के बाजार में सबसे अधिक 49.8 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
भारतीय बाजार को संभाल रहे हैं खुदरा निवेशक
खुदरा निवेशक भारतीय बाजार को संभाल रखे हैं। इन्होंने कोरोना में बाजार में प्रवेश किया। तब से सेकेंडरी बाजार में 2.9 लाख करोड़ लगाए हैं। इसमें से 2.3 लाख करोड़ 2021 में और इस साल की पहली छमाही में आया है।
यूके का भंडार 11.7% घटा
यूके का फॉरेक्स 11.7% घटा है। दक्षिण कोरिया का फॉरेक्स 5.50% या 24 अरब डॉलर घटा है। जापान के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.5% की कमी आई है। यह 1,259 अरब डॉलर से 1,177 अरब डॉलर रह गया है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4.9 फीसदी या 159 अरब डॉलर कम होकर 3,055 अरब डॉलर रह गया।
देश का फॉरेक्स 86 अरब डॉलर घटा
डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। शीर्ष देशों की तुलना करें तो भारत के मुद्रा भंडार में ज्यादा गिरावट आई है। इस साल फरवरी में विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) 632 अरब डॉलर था। अगस्त में यह 86 अरब डॉलर या 13.6 फीसदी घटकर 546 अरब डॉलर पर आ गया। थाईलैंड का फॉरेक्स इसी दौरान 223 अरब डॉलर से 28 अरब डॉलर या 12.6 फीसदी गिरकर 195 अरब डॉलर पर आ गया है।
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