Upstox में Margin Trading Facility क्या है ? इससे क्या फायदा है?

Upstox में Margin Trading Facility की नई सर्विस आ गयी है जिसे तहत शेयर की डिलीवरी में 50% मार्जिन पा सकते हो और शेयर को आधी कीमत पर खरीद सकते हो.

आखिर Margin Trading Facility से क्या फायदा है? और इसका इश्तेमाल कैसे करना है ? आज की इस पोस्ट में Upstox में Margin Trading Facility क्या है ? इसी क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? के बारे में पूरी जानकारी देंगे

Table of Contents

Upstox में Margin Trading Facility क्या है ?

Margin Trading Facility या MTF एक ऐसी सुविधा है जिससे आप Upstox में 200 से ज्यादा स्टॉक्स को आधे दाम क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? पर खरीद सकते हो. इसमें स्टॉक्स को खरीदने के लिए आधा पैसा UPSTOX खुद देता है.

अगर आपके Demat Account में 70,000 रूपए है तो आप उससे दुगनी कीमत यानि 1,40,000 रूपए के शेयर खरीद सकते हो. इसमें 50% मार्जिन Upstox खुद देता है.

मार्जिन की सुविधा Intraday Day ट्रेडिंग में दी जाती है जिससे कम रूपए में ज्यादा मात्रा में स्टॉक्स को खरीद सके लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक्स को उसी दिन बेचना भी होता है नही तो ब्रोकर बेच देता है.

इस तरह MTF से डिलीवरी में भी शेयर खरीदने के लिए मार्जिन प्राप्त कर सकते हो. Upstox, Margin Trading Facility की सुविधा देकर चार्ज भी लेता है.

MTF द्वारा लिए गये स्टॉक्स को सिर्फ 150 दिनों के लिए ही होल्ड रख सकते हो. इसके बाद आपको अपने सारे स्टॉक बेचने होगे और अपनी पोजीशन एग्जिट करनी होगी.

अगर आप 150 दिन के अन्दर अपनी पोजीशन एग्जिट नही करते हो तो 151 दिन ब्रोकर खुद सारे शेयर बेच देगा और जो प्रॉफिट होगा वो आपके फण्ड में ऐड कर देगा.

MTF में खरीदे गये शेयर में डिविडेंड और बोनस शेयर जैसे सभी लाभ मिलेंगे लेकिन शेयर में buyback का लाभ नही दिया जायेगा

Upstox में Margin Trading Facility Activate कैसे करें ?

MTF सर्विस को चालू करने के लिए निम्न स्टेप फॉलो करें

  1. अपने Upstox में लॉग इन कर लें
  2. होम पेज पर ही मार्जिन फैकल्टी का विकल्प दिखाई दे रहा होगा.
  3. उस पर क्लिक कर देना है.
  4. इसके बाद MTF का न्य पेज खुल जायेगा
  5. Continue पर क्लिक करें
  6. इसके बाद एक OTP आयेगा जिसे भर दें फिर Continue OTP पर क्लिक करें
  7. Submit पर क्लिक करें.

यह सब स्टेप फॉलो करने के बाद MTF एक्टिवेट हो जायेगा.

Upstox MTF Stock list

Upstox में Margin Trading Facility Charges क्या है ?

समान्य शुल्क – MTF में किसी शेयर को खरीदने व बेचने, 20रूपए /आर्डर के हिसाब से Charges लिए जायेंगे.

डेली चार्जेज – 40,000 रूपए के स्लैब पर 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लिया जायेगा

उदाहरण के लिए अगर आप840,000 रूपए ले शेयर खरीदते हो जिसमे 40,000 रूपए मार्जिन मिलता है तो 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लिया जायेगा

इसी तरह MTF पर 70,000 रूपए के लिए पहले 40,000 रूपए के लिए 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज और बाकि बचे 30,000 के लिए भी 20रूपए/प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लगेगा

इस तरह 70,000 रूपए पर 40 रूपए/दिन के हिसाब से चार्ज लगेगा. यह चार्ज हर दिन लागु होंगे जब तक आप अपनी पोजीशन एग्जिट नही कर देते.

ब्रोकरेज चार्ज – इन सब के अलावा डिलीवरी पर जो भी चार्ज लिया जाता है वो भी लिया जायेगा साथ ही टैक्स भी देना होगा.

Upstox में Margin Trading Facility के बारे में विस्तार से जानने के लिए दिए हुए लिंक पर क्लिक करें – Upstox MTF

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि (MTF) मार्जिन ट्रेडिंग क्या क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? है, What is Margin Trading in Hindi, डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग को यूं समझिए जैसे कि अभी आपको कोई चीज खरीदनी है और आपके पास पैसे नहीं है तो आपके दिमाग में यह ख्याल आता है कि काश थोड़े पैसे होते तो,

मैं इस चीज को खरीद लेता ठीक उसी प्रकार मार्जिन ट्रेडिंग हैं, यहां पर आप अपनी खरीदने की क्षमता से 4 गुना अधिक फायदा उठा सकते हैं। जी हां बिल्कुल मार्जिन ट्रेडिंग (MTF) में यह सुविधा उपलब्ध है। और यह सुविधा एक इन्वेस्टर को कैसे मिलेगी इस आर्टिकल में जानेंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

उदाहरण के लिए–‌ आपका खाता शेष = ₹50,000

एमटीएफ (MTF) आपको 4x तक खरीदने की शक्ति प्रदान करता है = ₹2,00,000 (50,000 x 4)

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है? What is Margin Trading?

स्टॉक मार्केट में मार्जिन ट्रेडिंग का मतलब उस प्रोसेस से हैं, जहां व्यक्तिगत (individual) इन्वेस्टर अपने शेयर खरीदने की क्षमता से अधिक शेयर्स खरीदते हैं। इंडिया में मार्जिन ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती हैं। मार्जिन ट्रेडिंग की फैसिलिटी लगभग सभी ब्रोकर्स प्रोवाइड करवाते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग के अंदर एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीददारी और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ लगभग सभी ब्रोकर ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है।

मार्जिन ट्रेडिंग में इन्वेस्टर एक पर्टिकुलर सेशन में शेयर के चाल का अनुमान लगाते हैं। और आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजो की बदौलत, अब मार्जिन ट्रेडिंग छोटे ट्रेडर्स के लिए भी अवेलेबल है। डियर पाठक आपको बता दें कि मार्जिन ट्रेडिंग की प्रोसेस काफी सिंपल है।

मार्जिन अकाउंट,‌ इन्वेस्टरो को अपने स्टॉक खरीदने की क्षमता से ज्यादा स्टॉक‌ खरीदने के संसाधन उपलब्ध करवाता है। और इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए ब्रोकर इन्वेस्टर को शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है। और शेयरों को अपने पास गिरवी रख लेता है। आपको बता दें कि मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए पहले अपने डिमैट अकाउंट ब्रोकर को रिक्वेस्ट करनी पड़ती है। और डियर पाठक इसके लिए ब्रोकर को कैश पेमेंट करना होता है, जिससे सिंपल भाषा में मिनिमम मार्जिन कहते हैं।

अकाउंट खुल जाने के बाद क्या करना होता है। What to do after opening an account?

अकाउंट खुल जाने के बाद इन्वेस्टर को इनिशियल मार्जिन का भुगतान करना होता है। और यह टोटल कारोबार वैल्यू का निश्चित प्रतिशत होता है, और इसको ब्रोकर निर्धारित करता है। मार्जिन अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू करने से पहले इन्वेस्टर को तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स ध्यान में रखने पड़ते हैं।

  1. सेशन के जरिए मिनिमम मार्जिन को मेंटेन करना होता है।
  2. हर ट्रेडिंग सेशन के खत्म होने पर अपनी पोजीशन पर वापस लौटना होता है। यानी अगर आपने कोई शेयर खरीदे हैं, तो उन्हें बेचना होगा, और अगर आपने शेयर बेचे हैं तो उन्हें सेशन खत्म होने से पहले खरीदना होगा।
  3. ट्रेडिंग के बाद शेयरों को डिलीवरी ऑर्डर में कन्वर्ट करना होता है।

निष्कर्ष, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है

डियर पाठक आज के इस लेख, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi के माध्यम से हमने जाना कि मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती है और मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ कैसे उठा सकते हैं। और आपके कुछ सामान्य प्रसन है जिनके उत्तर आपको नीचे मिलेंगे आप इसके लिए‌ FAQS सेक्शन को देखें।

डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग के साथ आप अपनी क्रय शक्ति को 4x तक बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके खाते में 100,000 रुपये हैं तो आप अपनी क्रय क्षमता को 500,000 रुपये तक बढ़ाने के लिए MTF के तहत 400,000 रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।

जब तक कि उधार ली गई राशि का पुनर्भुगतान या व्यापारी स्थिति से बाहर न हो जाए तब तक 0.049% प्रति दिन (18% प्रति वर्ष) का ब्याज तब तक लिया जा सकता है ।

मार्जिन ट्रेडिंग को पूरा करने की समय सीमा क्या है?
आपको उसी दिन रात 9 बजे तक अपने संबंधित शेयरों को गिरवी रखना होगा। अन्यथा, शेयरों को T+7 दिन पर चुकता कर दिया जाएगा।

Stock Market में Margin Trading क्या है?

इसकी हेल्प से हम कम पैसों में ज्यादा शेयर्स बाय कर सकते हैं। एग्जाम्पल के लिए, अगर एक ब्रोकर किसी शेयर पर 10 टाइम्स का मार्जिन देता है। तो हम उस ब्रोकर के पास एक शेयर की प्राइस पर 10 शेयर्स बाय कर सकते हैं।

तो दोस्तों अगर क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? एक ब्रोकर SBI के स्टॉक पर 10 टाइम्स का मार्जिन या लेवरेज दे रहा है। और अगर SBI की एक शेयर की प्राइस 100 रुपये है। तो हम 100 रुपये में एक शेयर के बजाय SBI के 10 शेयर बाय कर सकते हैं। इसका मतलब हुआ कि हम 100 रुपये में 1000 रुपये के SBI शेयर्स बाय कर सकते हैं। दोस्तों, ध्यान देने वाली बात ये है कि ज्यादातर ब्रोकर्स मार्जिन या लेवरेज बस इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ही देते हैं। और बहुत कम ऐसे ब्रोकर्स है जो हमे पोजीशन या स्विंग ट्रेडिंग के लिए लेवरेज देते हैं। और दोस्तों, लॉन्ग टर्म इंवेस्टिंग के लिए कोई भी ब्रोकर लेवरेज नही देता। साथ ही साथ दोस्तों, हर स्टॉक पर मार्जिन अलग-अलग होता है। जेनरली अच्छी और बड़ी कंपनियों के शेयर पर मार्जिन ज्यादा होता है। वहीं छोटी कंपनियों के शेयर पर मार्जिन कम होता है। और किसी स्टॉक पर मार्जिन देना या ना देना या कितने टाइम्स का देना ये हर ब्रोकर अपने हिसाब से डिसाइड करता है। तो दोस्तों आप मार्जिन ट्रेडिंग करने से पहले अपने ब्रोकर से सारे मार्जिन ज़रूर कन्फर्म कर लें। दोस्तों, अब सवाल है कि ब्रोकर्स ऐसा क्यों करते हैं? क्यों ब्रोकर्स हमे 100 रुपये में 1000 रुपये के शेयर्स बाय करने देते हैं?

इसका सीधा जवाब है ब्रोकरेज। दोस्तों, ब्रोकर्स हर बाय और सेल ऑर्डर पर ब्रोकरेज लेते हैं। और ब्रोकरेज बाय या सेल किये गए स्टॉक की टोटल वैल्यू पर लगती है। अगर किसी ब्रोकर का कमीशन 1% क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? है और हम टोटल 100 रुपये के स्टॉक बाय करते हैं। तो वो ब्रोकर हमसे 100 रुपये का 1% यानी 1 रुपया ब्रोकरेज चार्ज करेगा। पर जब हम 10 टाइम्स का मार्जिन लेकर 100 रुपये में 1000 रुपये के शेयर्स बाय करते हैं। तो अब ब्रोकरेज शेयर्स की टोटल बाय वैल्यू यानी 1000 रुपये का 1%, मतलब 10 रुपये हो जाएगा। बस इसी वजह से दोस्तों, ब्रोकर्स मार्जिन या लेवरेज प्रोवाइड करते हैं। ताकि हम ज्यादा वैल्यू के स्टॉक्स बाय और सेल करें और ब्रोकर्स हमसे ज्यादा ब्रोकरेज ले सके। आईये अब हम चलते हैं दूसरे सवाल पर। हम मार्जिन ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं? दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले हमें चाहिए ट्रेडिंग एकाउंट। अगर आप ट्रेडिंग एकाउंट के बारे में नही जानते हैं तो हमने ट्रेडिंग और डिमैट एकाउंट दोनों पर वीडियो बनाया हुआ है। आप उन्हें ज़रूर देखें। ट्रेडिंग एकाउंट बनाने के बाद हमे उस एकाउंट में पैसे ऐड करने होंगे। और फिर हम जिस भी स्टॉक या डेरिवेटिव्स में मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं हमे उसका मार्जिन चेक करना होगा। और फिर हम उस स्टॉक के मार्जिन के अकॉर्डिंग इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं।

ध्यान रखें दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग करने से पहले अपने ब्रोकर्स से मार्जिन अच्छी तरह पता कर लें।

अब हम आ गए हैं अपने आखिरी सवाल पर। क्या मार्जिन ट्रेडिंग करना सही है? दोस्तों, मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करना एक दोधारी तलवार की तरह है। हम मार्जिन ट्रेडिंग से बहुत कम समय मे बहुत कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं। पर अगर हमारा ट्रेड गलत हुआ तो हमे बड़ा नुकसान भी हो सकता है। आईये इसे एक एग्जाम्पल से समझते हैं। मान लेते हैं हमारे पास 1 लाख रुपये हैं। और हम इंट्राडे में मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं। हमने एक स्टॉक XY चूज़ किया जिसकी शेयर प्राइस है 1000 रुपये। और इस स्टॉक पर हमें अपने ब्रोकर से 10 टाइम्स का मार्जिन मिल रहा है।

तो दोस्तों, अगर हमे मार्जिन ना मिलता तो हम 1 लाख में XY कंपनी के 100 शेयर ही बाय कर पाते। पर क्योंकि हमें XY कंपनी के शेयर पर 10 टाइम्स का मार्जिन मिल रहा है। तो अब हम उसी 1 लाख रुपये से XY कंपनी के 1000 शेयर्स इंट्राडे में बाय कर लेते हैं। अब दोस्तों, अगर XY की शेयर प्राइस कुछ घंटो में 10% से बढ़कर 1000 से 1100 रुपये हो जाये तो क्या होगा? तो दोस्तों, क्योंकि हमने 10 लाख के शेयर्स बाय करके रखे हैं। इसलिए हमारे शेयर्स की वैल्यू भी 10 लाख से 10% बढ़कर 11 लाख हो जाएगी। और अगर हम अपने सारे शेयर्स 1100 की प्राइस पर सेल कर दे तो हमे 1 लाख का प्रॉफिट हो जाएगा।

जी हाँ दोस्तों, 1 लाख रुपये से मार्जिन ट्रेडिंग कर के हम इसी तरह कुछ घंटो में अपने इन्वेस्टमेंट पर 100% प्रॉफिट कमा कर अपने पैसो कोशिश डबल कर सकते हैं। पर दोस्तों, अगर XY कंपनी की शेयर प्राइस 10% से बढ़ने के बजाय 10% से घट जाए तो फिर क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? हमें 1 लाख के प्रॉफिट के बजाय 1 लाख का लॉस होगा। और हमे अपने इन्वेस्टमेंट पर 100% प्रॉफिट के बजाय 100% का लॉस हो जाएगा।

तो दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग अपने आप मे ना अच्छी है ना बुरी। ये हमारे ऊपर डिपेंड करता है कि हम मार्जिन का यूज़ करके कैसी ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम अच्छे से देखकर और समझकर बिना लालच में आये मार्जिन का यूज़ करेंगे तो हमारे लिए मार्जिन ट्रेडिंग बहुत अच्छा हो सकता है। पर अगर हम मार्जिन लेकर लालच में बिना टेक्निकल एनालिसिस किये ट्रेडिंग करेंगे, तो मार्जिन ट्रेडिंग हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। तो दोस्तों ये था हमारा आज का Post मार्जिन ट्रेडिंग के ऊपर। इसमे हमने जाना कि लेवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती हैं? हम मार्जिन ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं? और क्या मार्जिन ट्रेडिंग करना सही है?

और अगर आपके मन मे इस Post से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो उसे नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें। हम आपके सवालों का जवाब देंगे हमारे आगे आने वाले Post Or Video मिस ना हों इसके लिए हमारे चैनल को अभी सब्सक्राइब करें। और Web Notification And बेल आइकॉन को प्रेस करना ना भूलें।थैंक यू दोस्तों। मिलते हैं अब नेक्स्ट Post में।

Career in Share Market: बेस्ट करियर ऑप्शन है स्टॉक मार्केट, ब्रोकर बनकर करें मोटी कमाई, जॉब के हैं ढेरों विकल्प

टाइम्स नाउ डिजिटल

Career In Share Market: लगातार ग्रोथ कर रहे शेयर मार्केट में युवाओं के लिए करियर की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर युवा स्टॉक ब्रोकर बनकर क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? लाखों से करोड़ों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। अगर आप भी अपना करियर इस क्षेत्र में बनाना चाहते हैं तो आपको यहां पर पूरी जानकारी मिलेगी।

Career In Share Market

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में युवा ऐसे बनाएं शानदार करियर   |  तस्वीर साभार: Representative Image

  • स्‍टॉक ब्रोकर के बिना स्टॉक मार्केट को समझ पाना मुश्किल
  • स्‍टॉक ब्रोकर को इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स जानकारी जरूरी
  • स्‍टॉक ब्रोकर अनुभव के बाद कर सकता है करोड़ों में कमाई

Career in Share Market: शेयर मार्केट लगातार और तेजी से बढ़ता जा रहा है। ट्रेडिंग इंडस्ट्री में हो रहे इस विस्तार के साथ यहां पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। अगर आप भी स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकर, निफ्टी और सेंसेक्स में दिलचस्पी रखते हैं तो आप भी यहां पर शानदार करियर बना सकते हैं। आज के समय में हर कोई शेयर बाजार में पैसा लगाकर जल्‍द से जल्‍द अमीर बनना चाहता है, लेकिन शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है। यहां पर पैसा लगाने के लिए मार्केट की अच्‍छी जानकारी होनी चाहिए, नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है। शेयर मार्केट के इस खेल को समझने में मदद करते हैं स्‍टॉक ब्रोकर। ये इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच की कड़ी होते हैं। ब्रोकर के बिना इन्वेस्टर के लिए स्टॉक मार्केट को समझ पाना मुश्किल है।

जानें, स्टॉक ब्रोकर को

स्टॉक ब्रोकर दो तरह के होते हैं। एक फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर होते हैं तो अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी, मार्जिन मनी की सुविधा, ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी देते हैं। इनकी कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है। वहीं, दूसरे होते हैं डिस्काउंट ब्रोकर। ये क्लाइंट के साथ बहुत कम ब्रोकरेज पर काम करते हैं। डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं। ये अकाउंट खोलने से लेकर ट्रेडिंग में मदद करते हैं।

स्टॉक ब्रोकर के लिए जरूरी योग्यता

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज होना जरूरी है। इसलिए इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। स्‍टॉक मार्केट की बेहतर नॉलेज के लिए शनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी उपलब्‍ध है।

स्टॉक ब्रोकर करियर ऑप्‍शन व सैलरी

युवा कोर्स पूरा करने के बाद इस फील्ड में कई तरह से करियर बना सकते हैं। युवाओं के लिए स्टॉक एक्सचेंज के अलावा रेगुलेशन अथॉरिटी, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड कंपनी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, ब्रोकर फर्म्स और बैंक व इंश्योरेंस एजेंसी में जॉब की अच्‍छी संभावना होती है। उम्‍मीदवार अपने एक्सपीरियंस के आधार पर इक्विटी ट्रेडर, इक्विटी एडवाइजर, इक्विटी डीलर, स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी एनालिस्ट और रिस्क मैनेजर जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर की शुरुआती सालाना सैलरी 4 से 8 लाख रुपये तक हो सकती है। वहीं, एक्‍सपीरियंस के बाद स्टॉक ब्रोकर करोड़ों तक में कमाई कर सकते हैं।

Career Tips: स्टॉक मार्केट में करियर कैसे बनाएं? इन्वेस्टमेंट के साथ ऐसे कमाएं रुपये

 भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.

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Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लो . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST

नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).

आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.

शेयर मार्केट में होते हैं 2 तरह के स्टॉक ब्रोकर
शेयर मार्केट में आमतौर पर दो तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं (Stock Broker Jobs). अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आपको इनके बारे में जरूर पता होना चाहिए.
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
ये ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए फाइनेंशियल मार्केट का कोई भी कोर्स किया जा सकता है (Stock Broker Qualifications). कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज आपके लिए काफी मददगार साबित होगी. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है. इससे चेक किया जाता है कि स्टॉक मार्केट प्रोफेशनल में फाइनेंशियल मार्केट के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल्स हैं या नहीं. इसमें एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट को मैथ और इंग्लिश की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी स्किल्स
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन के साथ ही अच्छी एनालिटिकल स्किल, स्ट्रॉन्ग माइंड और रिसर्च स्किल्स होना जरूरी है (Stock Broker Qualifications). इनके अलावा स्टॉक ट्रेनिंग प्रैक्टिस रूल्स और प्रोसेस की जानकारी होने के साथ ही अलग-अलग सेक्टर और इंडस्ट्री की जानकारी भी होनी चाहिए. मार्केट में आने वाले नए प्रोडक्ट्स, उनके उतार-चढ़ाव से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी होना भी जरूरी है. इसी के प्रेशर हैंडल करना भी आना चाहिए.
इस फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए अच्छी कंप्यूटर स्किल्स के साथ ही डिसीजन मेकिंग, टीम वर्क, रिसर्च एप्टिट्यूड और फाइनेंस इंडस्ट्री की जानकारी लाइफ में सक्सेस दिला सकती है (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर के लिए करियर की संभावनाएं
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस को बेस करते हुए इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर, स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी एनालिस्ट और रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं (Risk Manager Jobs). इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की अपार संभावनाएं हैं (Stock Broker Career).

स्टॉक ब्रोकर की कमाई
स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है. अगर दूसरों के अकाउंट के साथ ही आप पर्सनल इन्वेस्टमेंट भी करते हैं तो कमाई का जरिया दोगुना हो सकता है (Stock Broker Salary).

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