व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी

कोरोनावायरस (COVID-19) के फैलाव को धीमा करने में सहायता करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण लघु व्यवसायों के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों के संबंध में किए जा सकने वाले उपायों के बारे में सहायता करने के लिए एक व्यवसाय सलाह कार्यक्रम उपलब्ध करवाने हेतु Victorian Goverenment द्वारा Victorian Chamber of Commerce and Industry (VCCI) के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से, पात्र व्यवसायों के मालिकों को किसी अनुभवी संव्यवसायिक (प्रोफेशनल) के साथ चार की सँख्या तक सत्र मिल सकते हैं, प्रत्येक सत्र 2 घंटे का होगा और वह संव्यवसायिक उन मालिकों को उनके व्यवसायों के भविष्य के बारे में जानकारी सहित निर्णय लेने में सहायता करेगा।

यह कार्यक्रम निम्नलिखित के बारे में तदानुकूल मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है:

  • व्यवसाय बहाली - व्यवसाय की सुदृढ़ बहाली (लागत में कमी, ऋण और धनापूर्ति (कैशफ्लो) प्रबंधन)
  • बाजार में बदलाव - यह समझने के लिए कि कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण बाजार में कैसे बदलावों की शुरुआत हुई या बदलावों की गति में कैसे तीव्रता आई
  • डिजिटल ज्ञान स्तर और विभिन्न माध्यमों से पारस्परिक संपर्क - व्यवसायों को नए ग्राहकों और बाजारों तक पहुँचने में सहायता के बारे में
  • बाजार और वितरण श्रंखला विविधता - वितरण श्रंखला के ख़तरों की संभावनाओं को कम करने के बारे में
  • पुनर्कुशलता और पुनर्प्रशिक्षण - व्यवसायों को, उनके वर्तमान कर्मचारियों को ज्यादा कुशल बनाने में सहायता के बारे में

VCCI website पर आवेदन करने के लिए ‘Apply now’ बटन दबाएं

क्या सहायता उपलब्ध है?

पात्र व्यवसाय मालिकों का एक अनुभवी संव्यवसायिक से संपर्क कराया जाएगा जो तीन माह की अवधि में उनके साथ आपसी बातचीत के चार की सँख्या तक सलाह सत्र करेगा। प्रत्येक सत्र दो घंटे का होगा। सलाह के ये सत्र फोन, विडियो बैठक और अगर उचित हुआ तो, आमने-सामने किए जाएंगे। किसी सलाहकार से संपर्क कराए जाने से पहले, आवेदकों को एक प्रश्नावली के उत्तर देने के लिए कहा जाएगा जिसकी रचना उनके व्यवसाय की बहाली की विशेष आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए की गई है।

प्रारंभिक सत्र के बाद, आवेदकों को की विस्तृत योजना उपलब्ध कराई जाएगी एक विस्तृत कार्यवाही योजना प्रदान की जाएगी, जिसमें उनके व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुसार विशेष रुप से तैयार की गई सलाह शामिल होगी।

आवेदकों को आगे और भी सहायता के लिए उनकी ज़रुरतों के हिसाब से अन्य संपर्क भी करवाए जाएंगे।

इनमें वित्तीय परामर्श (काउंसलिंग), डिजिटल विशेषज्ञ सेवाएं तथा कोचिंग, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता तथा प्रशिक्षण शामिल हो सकते हैं।

इसके बाद सलाहकार द्वारा, आवेदक की प्रगति जानने, और उन्हें अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए उनके साथ अगले तीन महीनों में तीन सत्रों की तिथियाँ निर्धारित की जाएंगी।

व्यवसायों के लिए सुविधाएं

इस कार्यक्रम से व्यवसायों को निम्नलिखित में सहायता मिलती है:

  • बहाली, बाजार में बदलाव, डिजिटल ज्ञान स्तर, वितरण श्रंखला विविधता और वर्तमान कर्मचारियों को ज्यादा कुशल बनाने के लिए अपनी आवश्यकताओं के अनुसार नीतियाँ बनाने में
  • खतरों और वित्तीय जोखिमों को कम करने में
  • अन्य सरकारी सहायताओं और स्थानीय संव्यवसायिक सेवाओं से संपर्क करने में

इस कार्यक्रम के लिए किस प्रकार के व्यवसायों द्वारा आवेदन किया जा सकता है?

इस कार्यक्रम के लिए उन लघु व्यवसायों के मालिक आवेदन नहीं कर सकते हैं जिनमें पूर्ण-कालिक कर्मचारी 20 से ज्यादा हैं। इस कार्यक्रम के आशय से, एक लघु व्यवसाय का मालिक कोई एकल व्यापारी (सोल ट्रेडर), साझेदारी में व्यापार करने वाले व्यक्ति, निजी कंपनी या लघु व्यवसाय चलाने वाला कोई ट्रस्ट हो सकता है। 20 पूर्ण-कालिक कर्मचारियों का मतलब है सभी कर्मचारियों (चाहे पूर्ण-कालिक हो या अंश-कालिक) ने, Australian Bureau of Statisctics द्वारा परिभाषित सामान्य कार्य घंटों में, जितने सामान्य घंटे काम किया है उसकी कुल अवधि।

व्यवसायों के लिए निम्नलिखित भी आवश्यक है:

  • उनके पास एक सक्रिय आस्ट्रेलियन व्यवसाय सँख्या (ABN) होना
  • वे एक सार्वजनिक कंपनी, चेरिटेबल व्यवसाय (जिनका संचालन लाभ कमाने के लिए नहीं होता) या Body Corporate and Community Management Act 1997 के अन्तर्गत एक निगमित निकाय (बॉडी कार्पोरेट) न हों।
  • उनका Victoria में पुनःस्थापन या निरंतर व्यवसाय करने का इरादा हो

आवेदन कैसे करें

VCCI website के माध्यम से आवेदन करने के लिए इस पृष्ठ पर ‘Apply now’ बटन दबाएं।

अगर आपको अपने आवेदन- पत्र के बारे में सहायता की ज़रुरत है, तो कृपया VCCI से 03 8662 5333 पर संपर्क करें।

भारत सरकार

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व्यापार नीति प्रभाग (टीपीडी) को व्‍यापार एवं वाणिज्‍य के विभिन्‍न कार्यक्षेत्रों में विभाजित किया गया है जैसे कि कृषि, गैर कृषि बाजार पहुंच, विवाद एवं नियम, एसपीएस / टीबीटी, ट्रिप्‍स एवं पर्यावरण / श्रम, सेवा एवं व्‍यापार सुगमता जो विश्‍व व्‍यापार संगठन तथा अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍थाओं / समूहों जो विश्‍व व्‍यापार के विकास के क्षेत्र में काम करते हैं, से संबंधित कार्य करते हैं।

अपर सचिव इस प्रभाग के मुखिया हैं तथा दो संयुक्‍त सचिव एवं सात संभागीय स्‍तर के अधिकारी अर्थात निदेशक / अपर आर्थिक सलाहकार / उप सचिव एवं निम्‍नलिखित डेस्‍क के अन्‍य सहायक कर्मचारी हैं :

  • डेस्‍क 1: टीपीडी (कृषि एवं समन्‍वय)
  • डेस्‍क 2: टीपीडी (विवाद एवं नियम)
  • डेस्‍क 3: टीपीडी (एसपीएस-टीबीटी / ट्रिप्‍स, पर्यावरण एवं श्रम)
  • डेस्‍क 4: सेवा 1
  • डेस्‍क 5: सेवा 2
  • डेस्‍क 6: सेवा 3
  • डेस्‍क 7: सेवा 4
  • डेस्‍क 8: टीपीडी (टीएफ एवं प्रशासन)
  • श्री अरविंद मेहता : अपर सचिव

व्‍यापार नीति प्रभाग वाणिज्‍य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्‍ली- 110011

व्‍यापार नीति प्रभाग वाणिज्‍य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्‍ली- 110011

व्‍यापार नीति प्रभाग वाणिज्‍य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्‍ली- 110011

    • विश्‍व व्‍यापार संगठन की अधिसूचना आवश्‍यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
    • प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
    • प्रासंगिक करारों पर विश्‍व व्‍यापार संगठन की समितियां
    • सीसीडब्‍ल्‍यूटीओ / मंत्रिमंडल में रखे जाने वाले मामलों सहित दोहा चक्र की डब्‍ल्‍यूटीओ वार्ता के लिए समग्र समन्‍वय
    • विश्‍व व्‍यापार संगठन का मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन
    • डब्‍ल्‍यूटीओ मुद्दों पर चर्चा के बिंदु एवं ब्रीफ
    • स्‍थायी समितियों सहित संसदीय कार्य
    • वार्षिक रिपोर्टों, आर्थिक सर्वेक्षण, बजट भाषण, मासिक मंत्रिमंडलीय रिपोर्टों तथा अन्‍य वीआईपी रिपोर्टों आदि के लिए सामग्री
    • टीएनसी तथा सामान्‍य परिषद का कार्य
    • डब्‍ल्‍यूटीओ पब्लिक फोरम, अंतर्संसदीय संघ आदि में भारत की भागीदारी से संबंधित मामले
    • जी-20, ओईसीडी तथा विश्‍व आर्थिक मंच से संबंधित मामले
    • श्री एन। अशोक कुमार : निदेशक
    • श्री नारायण प्रसा : अवर सचिव
    • सुश्री प्राची सिंघल : सहायक निदेशक

    डब्‍ल्‍यूटीओ विवाद निस्‍तारण, गैट के प्रावधानों की व्‍याख्‍या, पाटनरोधी सहित नियमों पर वार्ता एवं सब्सिडी व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी तथा प्रतिकारी उपायों पर करार एवं सुरक्षोपायों पर करार, सीमा शुल्‍क प्रशुल्‍क अधिनियम की धारा 9, भारतीय मध्‍यस्‍थता परिषद तथा संबद्ध कार्य जिसमें शामिल हैं :

    • विश्‍व व्‍यापार संगठन की अधिसूचना आवश्‍यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
    • प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
    • प्रासंगिक करारों पर विश्‍व व्‍यापार संगठन की समितियां
    • भारत – यूरोपीय संघ बीटीआईए में सरकारी प्रापण अध्‍याय
    • श्री तपन मजूमदार : निदेशक
    • श्री ए के शर्मा : अवर सचिव

    व्‍यापार एवं निवेश, व्यापार एवं श्रम, ट्रिप्‍स पर करार, सेनेट्री एवं फाइटोसेनेट्री उपायों पर करार तथा व्‍यापार की तकनीकी बाधाओं पर करार जिसमें शामिल हैं :

    • विश्‍व व्‍यापार संगठन की अधिसूचना आवश्‍यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
    • प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
    • प्रासंगिक करारों पर विश्‍व व्‍यापार संगठन की समितियां

    टीपीडी की क्षमता का निर्माण जिसमें डबल्‍यूटीओ अध्‍ययन केन्‍द्र तथा राष्‍ट्रीय विधि विद्यालय, बंगलौर में डब्‍ल्‍यूटीओ पीठ, एमएआई के तहत अनुमोदन के लिए प्रस्‍तावों का अध्‍ययन आदि शामिल है

    India-US: भारत-अमेरिका व्यापार नीति बैठक स्थगित करने पर दोनों पक्ष सहमत, अमेरिकी मध्यावधि चुनाव का दिया हवाला

    दरअसल, अमेरिका में आठ नवंबर को मध्यावधि चुनाव होने हैं, जो अमेरिकी संसद (कांग्रेस) का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसे लेकर अमेरिका में विशेष सियासी सतर्कता भी बरती जा रही है। टीपीएफ का स्थगित किया जाना भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहमति से लिया गया फैसला है।

    पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई।

    भारत-अमेरिकी व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) को अगले साल की शुरुआत तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के बीच व्यापार पर द्विपक्षीय बैठक नवंबर में आगामी अमेरिकी मध्यावधि चुनावों का हवाला देते हुए अगले साल की शुरुआत में पुनर्निर्धारित की गई है।

    दरअसल, अमेरिका में आठ नवंबर को मध्यावधि चुनाव होने हैं, जो अमेरिकी संसद (कांग्रेस) का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसे लेकर अमेरिका में विशेष सियासी सतर्कता भी बरती जा रही है। टीपीएफ का स्थगित किया जाना भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहमति से लिया गया फैसला है। घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने टीपीएफ के टलने की जानकारी नाम उजागर न करने की शर्त पर दी है। हालांकि अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन और वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो समेत बाइडन प्रशासन के शीर्ष अफसर इस साल आठ नवंबर से 13 फरवरी के बीच नई दिल्ली में दौरा कर सकते हैं। वे इस दौरान गोयल से मुलाकात भी करेंगे।

    पिछले साल नवंबर में हुई थी यह बैठक
    टीपीएफ की आखिरी बैठक चार साल के अंतराल के बाद यहां पिछले साल नवंबर में हुई थी। उस बैठक में दोनों पक्षों द्वारा 2022 के अंत से पहले मंत्री स्तर पर टीपीएफ को फिर से संगठित करने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों ने कहा कि व्यापार मंत्री के स्तर पर दोनों देशों के बीच कई मंचों पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में जी-20 और हिंद-प्रशांत आर्थिक समृद्धि प्रारूप (आईपीईएफ) भी शामिल हैं।

    विस्तार

    भारत-अमेरिकी व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) को अगले साल की शुरुआत तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के बीच व्यापार पर द्विपक्षीय बैठक नवंबर में आगामी अमेरिकी मध्यावधि चुनावों का हवाला देते हुए अगले साल की शुरुआत में पुनर्निर्धारित की गई है।

    दरअसल, अमेरिका में आठ नवंबर को मध्यावधि चुनाव होने हैं, जो अमेरिकी संसद (कांग्रेस) का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसे लेकर अमेरिका में विशेष व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी सियासी सतर्कता भी बरती जा रही है। टीपीएफ का स्थगित किया जाना भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहमति से लिया गया फैसला है। घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने टीपीएफ के टलने की जानकारी नाम उजागर न करने की शर्त पर दी है। हालांकि अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन और वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो समेत बाइडन प्रशासन के शीर्ष अफसर इस साल आठ नवंबर से 13 फरवरी के बीच नई दिल्ली में दौरा कर सकते हैं। वे इस दौरान गोयल से मुलाकात भी करेंगे।

    पिछले साल नवंबर में हुई थी यह बैठक
    टीपीएफ की आखिरी बैठक चार साल के अंतराल के बाद यहां पिछले साल नवंबर में हुई थी। उस बैठक में दोनों पक्षों द्वारा 2022 के अंत से पहले मंत्री स्तर पर टीपीएफ को फिर से संगठित करने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों ने कहा कि व्यापार मंत्री के स्तर पर दोनों देशों के बीच कई मंचों पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में जी-20 और हिंद-प्रशांत आर्थिक समृद्धि प्रारूप (आईपीईएफ) भी शामिल हैं।

    एजूकेशन यूएसए

    5 steps

    यहां एजूकेशन यूएसए इस कार्य में सहायता करता है। उच्च शिक्षा के बारे में जानकारी के लिए अमेरिकी सरकार के एकमात्र आधिकारिक स्रोत के रूप में आप मान्यताप्राप्त अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में उच्च शिक्षा पर सही, व्यापक और नवीनतम जानकारी के लिए एजूकेशन यूएसए पर भरोसा कर सकते हैं।

    एजूकेशन यूएसए पर व्यक्तिगत परामर्श, सामूहिक परामार्श कार्यक्रम के साथ-साथ संदर्भ मार्गदर्शन की स्वर्ण खान के रूप में विश्वविद्यालय कैटलॉग, मानकीकृत परीक्षा तैयारी की सामग्री उपलब्ध है!

    अनुभवी सलाहकार पूरी प्रवेश प्रक्रिया में आपका मार्गदर्शन करेंगे; सही संस्थान चुनने से लेकर आपका व्यक्तिगत स्टेटमेंट तैयार करने, वित्तीय मदद का फार्म भरने और सूटकेस में लेकर जाना क्या है सभी में आपका मार्गदर्शन करते हैं।

    एजूकेशन यूएसए ने भावी अंतर्राष्ट्रीय छात्र को अमेरिका में पढ़ने के अपने लक्ष्य तक पहुंचाने के मार्ग को ‘‘अमेरिका में अध्ययन के लिए आपके 5 कदम’’ के द्वारा सरलीकृत किया है।

    एजूकेशन यूएसए केंद्र पूरे भारत में स्थित हैं, किसी भी केंद्र पर आज ही संपर्क करें!
    अहमदाबाद बंगलोर चेन्नई दिल्ली हैदराबाद कोलकाता मुंबई

    निशुल्क हॉटलाइन

    भारत में छात्र निशुल्क हॉटलाइन 1-800-103-1231 के द्वारा सोमवार से शुक्रवार दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक एजूकेशन यूएसए से फोन कर सकते हैं।

    एजूकेशन यूएसए नई दिल्ली

    दिल्ली, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और उत्तर भारत में सभी केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों के लिए केंद्र खुले हैं। दिल्ली सेंटर भूटान के छात्रों की भी सहायता करता है।

    एजूकेशन यूएसए का दिल्ली केंद्र अमेरिकी उच्च शिक्षा के बारे में सत्रों के माध्यम से सेंटर पर और स्कूल व विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन जानकारी प्रदान करता है। निशुल्क सैशंस में प्रवेश की आवश्यकताओं, आवेदन प्रक्रियाओं, अध्ययन के क्षेत्र, मानकीकृत परीक्षाएं, और वित्तीय मदद के बारे में जानकारी शामिल है। दिल्ली कार्यालय एसएटी I, एसएटी II, पीएसएटी, एसीटी और एपी परीक्षाएं भी आयोजित करता है।

    हमसे संपर्क करें

    • निशुल्क हॉटलाइन
      भारत में रहने वाले छात्र इस निशुल्क हॉटलाइन 1-800-103-1231के माध्यम से सोमवार से शुक्रवार दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक एजूकेशन यूएसए से संपर्क कर सकते हैं।

    एजूकेशन यूएसए का परामर्श केंद्र
    यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजूकेशनल फाउंडेशन
    12 हेली रोड,
    नई दिल्ली – 110 001
    फोनः +91-11-4209-0909
    ईमेलः [email protected]

    भारत को व्यापार छूट खत्म करने पर विचार कर रहा अमेरिका

    भारत अमेरिका से मिलने वाली अहम व्यापार छूट से वंचित हो सकता है। अमेरिका इस संबंध में विचार कर रहा है। मामले से परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से मिली व्यापार.

    भारत को व्यापार छूट खत्म करने पर विचार कर रहा अमेरिका

    भारत अमेरिका से मिलने वाली अहम व्यापार छूट से वंचित हो सकता है। अमेरिका इस संबंध में विचार कर रहा है। मामले से परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

    सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से मिली व्यापार छूट के तहत भारत को करीब 5.6 अरब डॉलर के निर्यात पर शून्य सीमा शुल्क देना पड़ता है। भारत को यह सुविधा 1970 के दशक से लागू वरीयताओं की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत मिली है। लेकिन व्यापार और निवेश नीतियों पर विवाद के बीच इस प्रणाली को वापस लेने का कदम, अमेरिका की ओर से भारत के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई होगी। अमेरिका में सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने के लिए कदम उठाएंगे।

    सूत्रों ने कहा कि ट्रंप बार-बार भारत को उच्च व्यापार शुल्क खत्म करने के लिए कह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विनिर्माण हब में बदलने और कार्यबल में शामिल होने को तैयार लाखों युवाओं को रोजगार देने के लिए अपने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के हिस्से के रूप में विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया है। जबकि ट्रंप अपने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ अभियान के हिस्से के रूप में अमेरिकी विनिर्माणों को घर लौटने के लिए कहते रहे हैं।

    व्यापार संबंधों में नवीनतम गिरावट ई-कॉमर्स पर भारत के नए नियमों से आई। ये नियम उन तरीकों को नियंत्रित करते हैं जिनके जरिये अमेजन डॉट कॉम कंपनी और वॉलमार्ट समर्थित फ्लिपकार्ट तेजी से बढ़ते ऑनलाइन बाजार में 2027 तक 200 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कारोबार करती हैं।

    अमेरिका यह कदम उठाने पर ऐसे समय विचार कर रहा है, जब भारत ने मास्टर कार्ड और वीजा जैसी वैश्विक कार्ड भुगतान व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी कंपनियों को उनका डाटा भारत में ही रखने को कहा है। साथ ही स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने की बात कही है।

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