#ETF-TLT CFD - iShares 20 + साल खजाना बांड ETF शेयर ट्रेडिंग
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iShares 20 + साल खजाना बांड ETF - CFD #ETF-TLT ट्रेडिंग शर्तें
Options | Standard-Fixed & Floating | Beginner-Fixed & Floating | Demo-Fixed & Floating |
---|---|---|---|
फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 12 | 12 | 12 |
Floating Spread in pips | 12 | स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना12 | 12 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 24 | 24 | 24 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -2.40 / 0.39 USD प्रति 100 #ETF-TLT | -2.40 / 0.39 USD प्रति 100 #ETF-TLT | -2.40 / 0.39 USD प्रति 100 #ETF-TLT |
अंकों | 0.01 | 0.01 | 0.01 |
Available volumes | >=1.00 #ETF-TLT | >=1.00 #ETF-TLT | >=1.00 #ETF-TLT |
अनुबंध आकार | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT |
लोट साइज | -/- | -/- | -/- |
1 पिप मूल्य पर 1 STOCK | 0.01 USD | 0.01 USD | 0.01 USD |
Options | Standard-Fixed | Micro-Fixed | Demo-Fixed | PAMM-Fixed |
---|---|---|---|---|
फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 12 | 12 | 12 | 0 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 24 | 24 | 24 | 24 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot |
अंकों | 0.01 | 0.01 | 0.01 | 0.01 |
Available volumes | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot |
अनुबंध आकार | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT |
लोट साइज | 100 contr. | 100 contr. | 100 contr. | 100 contr. |
1 पिप मूल्य पर 1 lot | 1 USD | 1 USD | 1 USD | 1 USD |
Options | Standard-Floating | Micro-Floating | Demo-Floating | PAMM-Floating |
---|---|---|---|---|
Floating Spread in pips | 12 | 12 | 12 | 12 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 24 | 24 | 24 | 24 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / 0.39 USD प्रति 1 lot | -2.40 / स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना 0.39 USD प्रति 1 lot |
अंकों | 0.01 | 0.01 | 0.01 | 0.01 |
Available volumes | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.1 – 100 lot |
अनुबंध आकार | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT | 1 #ETF-TLT |
लोट साइज | 100 contr. | 100 contr. | 100 contr. | 100 contr. |
1 पिप मूल्य पर 1 lot | 1 USD | 1 USD | 1 USD | 1 USD |
लाभांश की तारीखों
आवधिकता | घोषणा तारीख | एडजस्टमेंट दिनांक | रिकॉर्ड डेट | Payment date | डिविडेंड एडजस्टमेंट |
10.11.2021 | 15.12.2022 | 16.12.2022 | 21.12.2022 | 0.2611 USD |
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iShares 20 + साल खजाना बांड ETF ट्रेडिंग घंटे
IShares 20 + साल खजाना बांड (TLT)
IShares 20 + साल खजाना बांड (TLT स्टॉक टिकर) बार्कलेज अमेरिका 20+ साल खजाना बांड सूचकांक का पालन करने की जो रणनीति है, एक निवेश कोष है। इस सूचकांक के साथ 20 से अधिक वर्षों के शेष परिपक्वता संघीय अमेरिका खजाना बांड की उपज गतिशीलता से पता चलता है। निधि निवेश सूचकांक में शामिल इन बॉन्ड्स में अपनी संपत्ति की कम से कम 90% और संघीय सरकार बांड (परिपक्वता से पहले कम से कम 12 वर्ष) में अपनी संपत्ति की कम से कम 95%। इस फंड के शेयर 2002 के बाद से (Arca व्यापार मंच) NYSE पर कारोबार किया गया है। नाममात्र उपज बांड के फेड डिस्काउंट दर करने के लिए जुड़ा हुआ है। अमेरिका खजाना बांड बांड बाजार के उपकरणों के बीच सबसे अधिक रेटिंग है और फेड डिस्काउंट दर वृद्धि और मौद्रिक नीति के कस के मामले में बहुत माँग में हैं।
रिपोर्ट: रीट-इनविट से करें शेयर बाजार में सुरक्षित निवेश
सरकारी योजनाओं सहित सुरक्षित निवेश वाली अधिकतर बचत में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और इक्विटी में जोखिम का डर है। रीट और इनविट जैसे नए विकल्प इस तरह के छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में भी सुरक्षा की गारंटी देते हैं। यह विकल्प किस तरह का काम करता है और छोटे निवेशक कैसे इसका चुनाव करें, पूरी जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
10 हजार के निवेश से बड़ी परियोजनाओं में हिस्सा
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए अब बड़ी परियोजनाओं में पैसे लगाना आसान हो गया है। रियल स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) व बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) से जुड़ी कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने की मंशा से आईपीओ लाती हैं।
आईपीओ से जुटाया गया धन आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों, सड़क, पुल, बिजली ग्रिड या अन्य बुनियादी निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में लगता है। आईपीओ की कीमत 10 से 15 हजार रुपये होती है। परियोजनाओं से मिला लाभ ही निवेशकों का रिटर्न होता है।
पोर्टफोलियो बनाने में मददगार
रीट-इनविट निवेश का नया विकल्प होने के कारण यहां पैसे लगाने से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है। आपको देखना होगा कि कंपनियां जुटाई गई पूंजी को किस तरह की परियोजना में निवेश करती हैं। यहां से रिटर्न की कितनी गुंजाइश है। अन्य सुरक्षित योजनाओं में ब्याज कम हो रहा है तो यह ज्यादा ब्याज दिलाने के साथ पोर्टफोलियो में विविधता लाने में भी मददगार हो सकता है। -कार्तिक जावेरी, निदेशक (वेल्थ मैनेजमेंट), ट्रांसेंड कंसल्टिंग
दो तरह से देना होगा टैक्स
- निवेशक को उसकी यूनिट पर रीट-इनविट कंपनी की ओर से ब्याज या लाभांश दिया जाता है। तो यह राशि टैक्स स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना स्लैब के अनुसार आयकर के तहत होगी। निवेशक को रिटर्न भरते समय अन्य स्रोत से कमाई में इसका जिक्र करना होगा। टैक्स दर सिलेब के अनुसार है, जो अधिकतम 30 फ़ीसदी होगी।
- यूनिट बेचने पर लाभ हुआ, तो कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। निवेशक ने यूनिट खरीदने के 3 स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना साल के भीतर इसे बेचा है तो मुनाफे पर 15 फ़ीसदी कम अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। अगर 3 साल बाद यूनिट वेट से हैं तो 1 लाख से ज्यादा के मुनाफे पर 10 फ़ीसदी लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगेगा।
बांड और म्यूचुअल फंड से ज्यादा रिटर्न
रीट और इनविट के जरिए बाजार में आए आईपीओ ने पिछले 1 साल में सरकारी बांड, एफडी और डेट म्युचुअल फंड से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। कंपनियां रिटर्न को हर तिमाही या समय में लाभांश के रूप में देती हैं।
90 प्रतिशत मुनाफा निवेशकों में बांटा जाता है स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना रीट इनविट में
रीट से जुटाई 80 फ़ीसदी रकम को मुनाफे वाली परियोजना में लगाया जाता है और रिटर्न की 90 फ़ीसदी राशि निवेशकों में बंट जाती है।
3.85 लाख करोड़ के आईपीओ में अवसर
इंडिया ग्रिड और पावर ग्रिड जैसे इनविट से बाजार को उत्साह मिला है। दोनों आईपीओ ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। अगले दो-तीन साल में 3.85 लाख करोड़ के रीट और इनविट बाजार में सूचीबद्ध होंगे। सरकार भी बुनियादी परियोजनाओं में 115 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है।
विस्तार
सरकारी योजनाओं सहित सुरक्षित निवेश वाली अधिकतर बचत में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और इक्विटी में जोखिम का डर है। रीट और इनविट जैसे नए विकल्प इस तरह के छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में भी सुरक्षा की गारंटी देते हैं। यह विकल्प किस तरह का काम करता है और छोटे निवेशक कैसे इसका चुनाव करें, पूरी जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
10 हजार के निवेश से बड़ी परियोजनाओं में हिस्सा
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए अब बड़ी परियोजनाओं में पैसे लगाना आसान हो गया है। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) व बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) से जुड़ी कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने की मंशा से आईपीओ लाती हैं।
आईपीओ से जुटाया गया धन आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों, सड़क, पुल, बिजली ग्रिड या अन्य बुनियादी निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में लगता है। आईपीओ की कीमत 10 से 15 हजार रुपये होती है। परियोजनाओं से मिला लाभ ही निवेशकों का रिटर्न होता है।
पोर्टफोलियो बनाने में मददगार
रीट-इनविट निवेश का नया विकल्प होने के कारण यहां पैसे लगाने से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है। आपको देखना होगा कि कंपनियां जुटाई गई पूंजी को किस तरह की परियोजना में निवेश करती हैं। यहां से रिटर्न की कितनी गुंजाइश है। अन्य सुरक्षित योजनाओं में ब्याज कम हो रहा है तो यह ज्यादा ब्याज दिलाने के साथ पोर्टफोलियो में विविधता लाने में भी मददगार हो सकता है। -कार्तिक जावेरी, निदेशक (वेल्थ मैनेजमेंट), ट्रांसेंड कंसल्टिंग
दो तरह से देना होगा टैक्स
- निवेशक को उसकी यूनिट पर रीट-इनविट कंपनी की ओर से ब्याज या लाभांश दिया जाता है। तो यह राशि टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर के तहत होगी। निवेशक को रिटर्न भरते समय अन्य स्रोत से कमाई में इसका जिक्र करना होगा। टैक्स दर सिलेब के अनुसार है, जो अधिकतम 30 फ़ीसदी होगी।
- यूनिट बेचने पर लाभ हुआ, तो कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। निवेशक ने यूनिट खरीदने के 3 साल के भीतर इसे बेचा है तो मुनाफे पर 15 फ़ीसदी कम अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। अगर 3 साल बाद यूनिट वेट से हैं तो 1 लाख से ज्यादा के मुनाफे पर 10 फ़ीसदी लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगेगा।
बांड और म्यूचुअल फंड से ज्यादा रिटर्न
रीट और इनविट के जरिए बाजार में आए आईपीओ ने पिछले 1 साल में सरकारी बांड, एफडी और डेट म्युचुअल फंड से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। कंपनियां रिटर्न को हर तिमाही या समय में लाभांश के रूप में देती हैं।
90 प्रतिशत मुनाफा निवेशकों में बांटा जाता है रीट इनविट में
रीट से जुटाई 80 फ़ीसदी रकम को मुनाफे वाली परियोजना में लगाया जाता है और रिटर्न की 90 फ़ीसदी राशि निवेशकों में बंट जाती है।
3.85 लाख करोड़ के आईपीओ में अवसर
इंडिया ग्रिड और पावर ग्रिड जैसे इनविट से बाजार को उत्साह मिला है। दोनों आईपीओ ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। अगले दो-तीन साल में 3.85 लाख करोड़ के रीट और इनविट बाजार में सूचीबद्ध होंगे। सरकार भी बुनियादी परियोजनाओं में 115 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है।
Gold Bond Scheme: सरकार बेचेगी सस्ता सोना? जानिए आप कब और कैसे कर सकते हैं निवेश
RBI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना फिर से शुरू की जाने वाली है. आरबीआई दो चरणों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना को जारी करेगा.
RBI Gold Bond Scheme: अगर आप भी सस्ता सोना खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो मोदी सरकार आपके लिए जबरदस्त ऑफर लेकर आई है. जी हां, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना फिर से शुरू की जाने वाली है. आरबीआई दो चरणों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना को जारी करेगा. निवेश की योजना को दिसंबर और मार्च में खोला जाएगा.
19 से 23 दिसंबर तक निवेश करने का मौका
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (SGB) योजना पहले चरण के तहत 19 से 23 दिसंबर तक खुली रहेगी. दूसरे चरण में निवेशकों को 6 से 10 मार्च तक मौका मिलेगा. भारत सरकार की तरफ से आरबीआई बॉन्ड जारी करेगा. स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर, स्टॉक होल्डिंग स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चयनित डाकघरों और बीएसई व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिये की जाएगी.
चार किलो खरीदारी की लिमिट
मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि स्वर्ण बॉन्ड की मियाद आठ साल होती है. पांच साल बाद इसमें ब्याज भुगतान की तिथि को समय से पहले भुनाने की सुविधा होगी. निवेशकों को इसमें छमाही आधार पर 2.50 प्रतिशत सालाना का ब्याज मिलता है. एक निवेशक अधिकतम चार किलोग्राम तक खरीदारी कर सकता है.
अविभाजित हिंदू परिवार (HUF) के लिये चार किलोग्राम और संस्थाओं के लिये 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष है. गोल्ड की फिजिकल डिमांड में कमी लाने के मकसद और निवेश के मकसद से गोल्ड बॉन्ड योजना को पहली बार नवंबर, 2015 में लाया गया था. इसके बाद योजना को निवेशकों की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
What is Bond ETF
आप सभी ETF ( Exchange Traded Fund ) के बारे में जानते होंगे, उसी प्रकार से Bond ETF भी एक तरह का ETF है को की सिर्फ Bond निवेश करता है, अगर आप कम रिस्क में निश्चित रिटर्न लेना चाहते है तो बांड में निवेश करना सबसे अच्छा तरीका है, लेकिंन इसमें निवेश करना हर किसी की लिए संभव नहीं होता क्योकि इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम की जरुरत होती इसके अलावा आपको कौन से बांड में निवेश करना है इसका चुनाव करना भी कठिन काम है, इसके साथ साथ इसमें Liquidity भी नहीं, इन सभी समस्या को समधान करने का एक ही बस तरीका है और वो है Bond ETF के मदद से !
BOND ETF
Bond ETF जिस प्रकार से Nifty-ETF, Banknifty-ETF, Gold-ETF और Silver ETF है उसी प्रकार से एक तरह का यह भी ETF है जो की Bond में निवेश करता है! यह किस तरह के बांड में निवेश कर रहा है उसके आधार पर भी इसको अलग अलग प्रकार से बाटा गया है! भारत में 2 प्रकार के Bond ETF है
- Sovereign BOND ETF
- Corporate BOND ETF
आप सभी ने क्रिप्टोकोर्रेंसी का नाम तो जरूर सुना होगा जो किन ब्लॉक चैन पर आधारित होता है Covid-19 के बाद इसमें अच्छा तेज़ी आयी और सभी ने इसमें खूब निवेश किया और बहुत ने इसमें पैसे भी कमाए, लेकिन धीरे धीरे इसमें गिरावट आयी और लोगो को इसमें नुकशान होने लगा फिर लोग इसमें … Read more
कोई भी ट्रेडर जब भी ट्रेडिंग करता है तो वह अपने लिए एक प्रोसेस को बना लेता है और फिर वह उसी के हिसाब से ट्रेडिंग को करता है, जैसा मान के चलिए आप कोई खेल खेल रहे है जैसा स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना क्रिकेट और आप ने कोई नियम ही नहीं बनाया है, कभी भी कोई खिलाड़ी बैटिंग … Read more
MTAR Technologies यह BSE और NSE में लिस्टेड कंपनी है जो की Manufacturing के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी है, इस कंपनी की शुरुवात 1970 में हुआ था, तब यह कंपनी पार्टनरशिप में थी अगर कंपनी की बात करे तो कंपनी 50 साल से ऊपर इस क्षेत्र में अनुभव है कंपनी 11 November 1999 … Read more
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