सावधान! ओएलएक्स में सामान बेचने-खरीदने में हो रही ठगी, ट्रू कॉलर में शो हो रहा फ्रॉड नाम
ऑनलाइन जालसाज लॉटरी खुलने या कई तरह के ऑफर देकर, बैंक कर्मचारी बनकर या नौकरी दिलाने के नाम पर, ओएलएक्स में सामान बेचने.खरीदने, ऑनलाइन ट्रेडिंग सहित एटीएम ब्लॉक करने की धमकी देकर ठगी करते हैं. इन सबसे त्योहार के समय खासतौर पर बचने की जरूरत है।
भोपाल. त्योहारी सीजन में खरीदारी करने निकले हैं तो सावधान रहें। बाजार में चोर और बदमाश सक्रिय हैं। चौक बाजार, जुमेराती, न्यू मार्केट, पुराने शहर का बाजार, हनुमानगंज के अलावा दस नंबर, बिट्टन बाजार और एमपीनगर में जेब कटी गिरोह से विशेष रूप से सावधान रहें। पिछले साल त्योहारों के सीजन में जेब कटी के 35 बड़े मामले अलग.अलग थानों में दर्ज हुए थे। इसी के साथ इन दिनों ऑनलाइन ठगी के भी मामले बढ़ जाते हैं। ओएलएक्स पर जमकर ठगी हो रही है.
रूस-यूक्रेन युद्ध का सहारा लेकर दुर्ग में ऑनलाइन ठगी, ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर 13 लाख रुपये का लगया चूना
रूस-यूक्रेन युद्ध का सहारा लेकर दुर्ग में ऑनलाइन ठगी, ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर 13 लाख रुपये का लगया चूना
यूक्रेन और ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध (Russia-Ukraine War) का फायदा अब साइबर ठगों (Cyber Frauds) ने उठाना शुरू कर दिया है। लोगों को ऑनलाइन पैसा (online money) देकर लालच देने का खेल शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का पहला मामला दुर्ग जिले के सुपेला थाने में दर्ज हुआ है। सुपेला निवासी रवि कुमार साव ने शिकायत की है कि उसके साथ 13 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) हुई है।
रवि कुमार साव ने शिकायत में बताया कि 2 फरवरी 2022 को उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज आने के बाद पीड़ित ने जब उस नंबर पर कॉल किया तब फोन उठाने वाले व्यक्ति ने अपना नाम शिवांश कुमार बताया। उसने पीड़ित को झांसे में लेकर कहा कि डेल्टा ट्रेडिंग नाम की कंपनी यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर काम कर रही है। वहां के लोग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, लेकिन वहां की कंपनी में पैसा जमा कराने पर उसे लाखों का फायदा हो सकता है और कंपनी के ऐप से जुड़कर वो प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख रुपये कमा सकता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी इसके लिए उसे डेल्टा ट्रेडिंग एप्लीकेशन को डाउनलोड करना होगा।
ठग की बात सुनकर पीड़ित ने लालच में आकर 3 फरवरी को 50 हजार रुपये डेल्टा ट्रेडिंग कंपनी के कन्वर्टेडअकाउंट में डाल दिए। उससे ट्रेडिंग का काम चालू हो गया। फिर 5 फरवरी 2022 को उसे 3,700 रुपये का लाभ होने का विड्रॉल किया गया। उसके बाद फिर पीड़ित को कॉल आया और कॉल करने वाले ने अपना नाम महावीर पटेल बताया। महावीर ने पीड़ित को डेल्टा ट्रेडिंग एप की ओर से कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करने पर उसे 5 से 7 प्रतिशत का लाभ प्रत्येक दिन मिलने का झांसा दिया। पीड़ित ने उस पर भरोसा करके 8 फरवरी को 5 लाख 60 हजार रुपये डेल्टा ट्रेडिंग कंपनी के कन्वर्टेड अकाउंट में डाल दिए।
मामले को लेकर टीआई सुरेश ध्रुव ने जानकारी दी कि महावीर पटेल द्वारा दोबारा पीड़ित को कॉल कर झांसा दिया कि पैसों को वापस पाने के लिए पीड़ित को 4 लाख 70 हज़ार रुपये डेल्टा ट्रेडिंग कंपनी के कन्वर्टेड अकाउंट में ट्रांसफर करने पड़ेंगे और नहीं करने पर पीड़ित के 5 लाख 60 हज़ार रुपये डूब जाएंगे। डर की वजह से पीड़ित ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी मकान के नाम पर लोन लेकर डेल्टा ट्रेडिंग कंपनी में 4 लाख 70 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से 11 फरवरी को ट्रांसफर किए।
10 दिन बाद महावीर पटेल ने कॉल कर पीड़ित को बताया कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई के कारण उसके रुपये डूब गए। उसके बाद 26 फरवरी को गौतम वाधवानी नामक व्यक्ति ने कॉल कर पीड़ित को बताया कि उसका खाता माइनस में चला गया है। उसकी रकम डूब जाएगी और तभी वापस मिलेगी, जब वो 3 लाख रुपये डेल्टा ट्रेडिंग कंपनी के कन्वर्टेड खाते में डालेगा। इसी तरह अलग-अलग डेट पर पीड़ित से 13 लाख 80 हजार रुपये की ठगी की गई। पीड़ित के साथ शिवांश कुमार, महावीर पटेल और गौतम वाधवानी नामक व्यक्तियों ने ठगी की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
साइबर जालसाज फर्जी PDF भेजकर कर रहे ऑनलाइन ठगी, Alert रहें आप भी फंस सकते हैं इस जाल में
साइबर जालसाज फर्जी PDF भेजकर कर रहे ऑनलाइन ठगी, Alert रहें आप भी फंस सकते हैं इस जाल में
Cyber Criminals अब लोगों के मोबाइल पर PDF files भेजकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इस नए तरीके के तहत Telecom Operator के नाम से फर्जी पीडीएफ भेज कर SIM बंद होने से बचाने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी एप डाउनलोड करा रहे हैं। इसके बाद Mobile Hack कर साइबर ठगी कर रहे हैं। आप भी इससे अलर्ट रहें और अगर कोई फर्जी पीडीएफ आपको WhatsApp कर रहा है तो इसे नजर अंदाज करें। यूपी साइबर क्राइम सेल ने Advisory जारी कर लोगों से किसी भी तरह से एप डाउनलोड नहीं करने की सलाह दी है।
जानिए क्या है फर्जी PDF का खेल
Cyber Criminals अब कुछ न कुछ अलग तरीके से लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रहे हैं। जब तक लोग साइबर क्राइम के एक तरीके को समझते हैं तब तक जालसाज दूसरे तरीके से ठगी करने लगते हैं। हाल के दिनों में Cyber Criminal ने एक नए तरीके से साइबर ठगी को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
दरअसल KYC Update कराने के नाम पर ठगी को दूसरे तरीके से लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। इसके तहत अब साइबर जालसाज दूरसंचार कंपनियों के नाम पर एक PDF फाइल बना रहे हैं। इसमें दूरसंचार कंपनी के नाम, टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) का नाम सहित उन कंपनियों का लोगो होता है।
इस PDF files में साइबर जालसाज किसी भी दूरसंचार उपभोक्ता को भेजकर बताता है कि उनका KYC Update नहीं है और अगले 24 से 48 घंटे में सिम ब्लॉक हो जाएगा। इस पर उपभोक्ताओं को पीडीएफ फाइल, कंपनी का लोगो आदि देखकर विश्वास हो जाता है। इसके बाद इसी फाइल में साइबर जालसाज घर बैठे KYC Update कराने की जानकारी भी देता है और App Download करने की सलाह दिया जाता है। जैसे ही उपभोक्ता एप डाउनलोड करते हैं तो उनका मोबाइल Hack हो जाता है। इसके बाद उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
UP Cyber Crime के SP प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी है कि PDF files भेजकर ठगी को अंजाम देने की घटनाएं सामने आ रही है और साइबर जालसाज के इस नए तरीके की जाल में लोग फंस रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकेलिए हमलोगों ने एक Advisory जारी की है और किसी तरह के पीडीएफ फाइल ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी पर भरोसा नहीं करने की बात कही गई है।
जैसे ही Digit बताया कि हो जाएगा Account खाली
साइबर ठग आपको WhatsApp पर पीडीएफ भेजकर केवाईसी अपडेट न होने के कारण Sim Card को 24 घंटे मे बंद करने की चेतावनी देते हैं। KYC Update करने के लिए गूगल प्लेस्टोर से QS App डाउनलोड करने को कहते हैं। क्यूएस एप डाउनलोड करते ही एक नंबर आपके स्क्रीन पर पर आएगा। वो नंबर ठग को बताने पर आपके फोन का एक्सेस Cyber Criminal के पास चला जाएगा। उसके बाद आपका बैंक, आपकी फोटो एवं अन्य निजी जानकारी उस ठग के पास होगी। एप डाउनलोड करते ही आपका Account खाली हो जाएगा।
इस तरह के Fraud से ऐसे बचें
– KYC Update कराने के नाम पर कोई भी एप डाउनलोड नहीं करें।
– Telecom Company के नाम से व्हाट्ïस एप किए जाने वाले PDF पर भरोसा नहीं करें।
– किसी भी Unknown Link पर क्लिक नहीं करें।
– किसी को भी अपनी निजी जानकारी नहीं दें। खाता नंबर, Password किसी को नहीं बताएं।
UP Crime: करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर 500 लोगो से करोड़ों की ठगी, इनसे बचके रहना!
Noida Cyber Crime: अगर आप ऑनलाइन (Online) ऐप के जरिए मनी ट्रेडिंग (Trading) करते हैं तो होशियार (Alert) हो जाइए। दिल्ली एनसीआर (Delhi-NCR) में ऐसा गैंग (Gang) सक्रिय है जो आपको लूट लेगा। आपको झांसे में फंसाकर कंगाल बना देगा। नोएडा के साइबर (Cyber) पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट (Dmat) अकाउंट (Account) खुलवा कर लोगों से ठगी (Cheat) किया करता था।
यह गैंग अब तक 500 लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है पुलिस ने गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के रहने वाले जीएसटी के रिटायर्ड कमिश्नर अशोक कुमार ने नोएडा साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 में शिकायत दी थी कि उनके साथ करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख की ठगी की गई है।
जीएसटी के पूर्के अफसर की शिकायत मिलने के बाद नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू की पुलिस के हाथ इस गैंग तक जा पहुंचे। पुलिस ने नोएडा से मध्यप्रदेश तक छापेमारी की जिमसें एक आरोपी शोएब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है।
शोएब मूलरूप से मध्यप्रदेश का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि इन लोगों ने आमदनी सॉल्यूशन नाम से एक कॉल सेंटर बना रखा था जिसके माध्यम से यह लोगों को कॉल कर करेंसी ट्रेडिंग करने के लिए आमंत्रित करते थे। कस्टर को कन्वेंस करने के बाद उनका मेटा ट्रेडर्स पर डीमैट एकाउंट खुलवा दिया करते थे जिसका एक्सेस ये गैंग अपने पास रखता था।
इस शातिर गैंग ने फर्जी मेटा ट्रेडर्स-5 नाम से एक ऐप बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर रखा था। जिसमें डिजिटल रूप से ग्राहक को यह लगता था कि उसके पैसे दिन दूने रात चौगुने बढ़ रहे हैं। जिसके चलते ग्राहक लालचवश और ज्यादा इन्वेस्ट करता था।
वही जब ग्राहक अपने पैसे और प्रॉफिट वापस लेना चाहता तो जीएसटी चार्ज, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर यह लोग विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे। अब तक ये लोग 500 लोगो से लगभग 15 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके है।
वही साइबर क्राइम थाने की इंचार्ज रीता यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद हम लोगों ने जांच के बाद इंदौर में छापेमारी की जिसमें एक आरोपी शोएब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग कॉल सेंटर के माध्यम से अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनियों से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लिया करते थे और उन्हें कॉल कर इनकी कंपनी के माध्यम से करेंसी ट्रेडिंग के लिए कन्वेंस किया करते थे। अब ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी तक ये लोग 500 लोगों के साथ लगभग 15 करोड की ठगी कर चुके हैं, इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
Noida Cyber Fraud: 40 हजार कमाने वाला चुका रहा 85 हजार की ईएमआई, जानें कैसे हुई मैनेजर से 12 लाख की ठगी
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है। महिला की डीपी लगे एक व्हाट्सएप से पहले मैसेज आया। उसने खुद को हांगकांग निवासी बताया। चैटिंग शुरू हो गई। फिर सोने में निवेश (Gold Investment) के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी कर दी।
Noida Cyber Fraud: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है। महिला की डीपी लगे एक व्हाट्सएप से पहले मैसेज आया। उसने खुद को हांगकांग निवासी बताया। चैटिंग शुरू हो गई। फिर सोने में निवेश (Gold Investment) के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी कर दी। सात लाख रुपये बैंक से लोन पर लेकर लगा दिए। अब 40 हजार रुपये महीने कमाने वाला पीड़ित 84 हजार रुपये प्रतिमाह की ईएमआई चुका रहा है। शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
व्हाट्सएप पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी दोस्ती करके फंसाया मैनेजर
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में रहने वाले मिथिलेश एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं। इसी साल 15 मार्च को उनके मोबाइल पर हांगकांग के एक नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया। उन्होंने बताया कि जिस व्हाट्सएप से मैसेज आया उसके डीपी पर एक महिला की फोटो लगी हुई थी। दोनों में ऑनलाइन बातचीत होने लगी। आरोपित ने मीठी-मीठी बातों में फंसा कर मैनेजर से दोस्ती गांठ ली। इसके बाद शातिर ने मिथिलेश को सोने (Gold) में निवेश करने की बात कही, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद भी बातचीत जारी रही।
ऑनलाइन ट्रेडिंग देख मैनेजर को आया लालच
आरोप है कि एक दिन शातिर ने पीड़ित से कहा कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रही है, लेकिन उसे किसी काम से बाहर जाना है। अलग वह साइट बंद कर देगी तो लाखों का नुकसान हो जाएगा। इस पर शातिर ने पीड़ित से मदद के नाम पर साइट को चलाने के लिए बोला। उसने मिथिलेश को एक साइट का लिंक भेजा। जहां मिथिलेश ने देखा की लाखों का लेनदेन हो रहा है और महिला के खाते में लाखों रुपये का मुनाफा आ रहा है। इस पर मिथिलेश को भी लालच आ गया।
मिथिलेश को दिखे 38 लाख रुपये, पर निकाल न सका
पीड़ित ने बताया कि उसने भी निवेश कर दिया। कुछ समय तक उसको मुनाफा भी हुआ। इसे दिखते हुए पीड़ित ने पांच लाख रुपये का निवेश कर दिया। निवेश के बाद उसके वॉलेट में 38 लाख रुपये दिखने लगे। पीड़ित ने इन पैसों को निकालने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। शातिरों ने उसे मोटा कमीशन लेने के बाद पैसे निकालने का झांसा दिया, जिसके बाद पीड़ित ने पांच लाख रुपये का बैंक से पर्सनल ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी लोन और दो लाख रुपये अपने क्रेडिट कार्ड से निकाल कर दे दिए। इसके बाद शातिरों का कोई अता पता नहीं है।
केरल का निकला मोबाइल नंबर, पुलिस ने एक खाता सीज किया
अपने साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर पीड़ित ने थाना पुलिस से शिकायत की है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी साइबर पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि मोबाइल नंबर केरल के रहने वाले किसी व्यक्ति का है। शुरू में ट्रांसफर की गई रकम उसी के खाते में गई थी। पुलिस ने फिलहाल वह खाता सीज कर दिया है। इस खाते में ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी करीब तीन लाख रुपये हैं। पुलिस अब मामले की छानबीन में जुट गई है।
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