जानिये गूगल में सबसे पहले निवेश करने वाले व्यक्ति के बारे में | जो एक भारतीय है
- दो महात्वाकांक्षी युवा लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपने स्टार्ट-अप के लिए पूंजी जुटाने के लिए भारतीय अमेरीकी उद्यमी श्रीराम से संपर्क किया था, हालांकि तब तक गूगल का नाम गूगल नहीं था वस्तुतः अभी तक उसका नामकरण हुआ ही नहीं था, कवितर्क राम श्रीराम (Kavitark Ram Shriram) ने उस समय आधा मिलियन डॉलर (आज के समय में लगभग 33500000 रुपये) गूगल में निवेशित किये, आज इस खोज इंजन को Google के रूप में जाना जाता है।
- चेन्नई में जन्मे श्रीराम में लोयोला कॉलेज, चेन्नई से बैचलर ऑफ साइंस डिग्री ली है। वह Google के संस्थापक बोर्ड के सदस्य हैं और Google के निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज पहले निवेशकों में से एक हैं।
- वह पहले अमेज़ॅन में एक अधिकारी के रूप में नौकरी करते थे,Wikipedia के अनुसार श्रीराम के पास Google के 1.7 मिलियन शेयरों का स्वामित्व है ।
- यह देखने और सुनने में बेहद अच्छा लगता है कि Google के शुरू होने से पहले निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज से ही भारतीयों के साथ संबंध है। और आज भी एक भारतीय ही इस कम्पनी के सबसे बड़े पद पर है, (सुन्दर पिचाई, CEO)
PM Modi ने लॉन्च की RBI की दो स्कीम, कहा- 'योजना से निवेश के दायरे में होगा विस्तार'
भारतीय रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट स्कीम (RBI Retail Direct Scheme) और रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना (Reserve Bank Integrated Ombudsman Scheme) की शुरुआत से छोटे निवेशक इस योजना के तहत आसानी से रिजर्व बैंक के पास सरकारी प्रतिभूति खाता खोल सकेंगे. यह पूरी तरह से निः शुल्क और ऑनलाइन प्रक्रिया होगी.
PM Modi launches two innovative customer centric initiative
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 12 नवंबर 2021,
- (Updated 12 नवंबर 2021, 2:11 PM IST)
निवेश के दायरे में होगा विस्तार- मोदी
छोटे निवेशकों को होगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरबीआई की दो इनोवेटिव उपभोक्ता केंद्रित योजनाएं - रीटेल डायरेक्ट स्कीम और रिजर्व निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज बैंक इंटीग्रेटेड ऑम्बड्मैन स्कीम (एकीकृत लोकपाल योजना) का शुभारंभ किया. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने कहा, "ये दोनों योजनाएं देश में निवेश के दायरे का विस्तार करेंगी और निवेशकों के लिए पूंजी को बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को आसान और अधिक सुरक्षित बनाएंगी."
पीएम मोदी ने आगे कहा, "कोरोना वायरस के इस चुनौतीपूर्ण दौर में वित्त मंत्रालय, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है. अभी तक गर्वमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे. अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है."
NPA को पारदर्शी बनाया गया- मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने सरकार द्वारा किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, पिछले 7 वर्षों में NPA को पारदर्शिता के साथ मान्यता दी गई. संकल्प पर ध्यान केंद्रित किया गया है और वित्तीय प्रणाली और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कई सुधार किए गए. एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम मजबूत होती अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है. 2014 के पहले कुछ सालों में देश के बैंकिंग सिस्टम को नुकसान पहुंचाया गया था, आज सबको पता है कि कैसी स्थितियां पैदा हो गई थीं.
Speaking at the launch of two customer centric initiatives of RBI. https://t.co/Xt4HGfz1Ut
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2021
छोटे निवेशकों को होगा लाभ
भारतीय रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट स्कीम (RBI Retail Direct Scheme) और रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना (Reserve Bank Integrated Ombudsman Scheme) की शुरुआत से छोटे निवेशक इस योजना के तहत आसानी से रिजर्व बैंक के पास सरकारी प्रतिभूति खाता खोल सकेंगे. यह पूरी तरह से निः शुल्क और ऑनलाइन प्रक्रिया होगी.
एकीकृत लोकपाल योजना
उन्होंने आगे कहा,अर्थव्यवस्था में सबकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की जो हमारी भावना है उसे खुदरा प्रत्यक्ष योजना नई ऊंचाई देने वाली है. अब देश के एक बहुत बड़े वर्ग को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में, देश की संपदा के निर्माण में सीधा निवेश करने में और आसानी होगी.आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम से देश के छोटे निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश का सुरक्षित माध्यम मिल गया है. रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना के साथ, आज बैंकिंग क्षेत्र में 'एक राष्ट्र, एक लोकपाल प्रणाली' ने आकार लिया है.
इन्वेस्ट राजस्थान शिखर सम्मेलन की हुई शुरुआत, अदाणी समूह ने ₹65,000 करोड़ के निवेश का किया वादा
राजस्थान ने आज इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 के पहले दिन की मेजबानी की। राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित, "इन्वेस्ट राजस्थान समिट" का पहला दिन 7 अक्टूबर, 2022 को जयपुर में शुरू हुआ। इस उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल हुए।
शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, अशोक गहलोत ने कहा, "अगर हम अन्य राज्यों के साथ जीडीपी की तुलना करते हैं, तो राजस्थान सातवें स्थान पर आता है। उद्यमिता के लिए बहुत सारे संसाधन उपलब्ध हैं।राजस्थान उत्तर भारत में विभिन्न प्रकार के छोटे, मध्यम और बड़े उद्यमों की स्थापना के साथ एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है।"
उन्होंने कहा, "शिखर सम्मेलन इन सभी प्रतिबद्धताओं और चर्चाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।"
अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी में भी इन्वेस्ट राजस्थान 2022 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "अडानी समूह ने राजस्थान में कई औद्योगिक क्षेत्रों में ₹35,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया। नवीकरणीय व्यवसाय में अपना निवेश जारी रखते हुए, ₹50,000 करोड़ के निवेश के साथ एक और 10,000 मेगावाट कार्यान्वयन के अधीन है।"
गौतम अडानी ने आगे कहा, "सभी चल रहे और भविष्य के निवेशों को मिलाकर, हम अगले 5 से 7 वर्षों में राजस्थान में अतिरिक्त ₹ 65,000 करोड़ का निवेश करने और 40,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की उम्मीद करते हैं।"
वहीं, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने कहा, “निवेश और रोजगार के मामले में राजस्थान को शीर्ष पर रखना हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है। डीएमआईसी राजस्थान में विकास की धुरी साबित होगी और राज्य की देश के 40 प्रतिशत बाजारों
तक पहुंच है। हमारा राज्य जस्ता और सीसा का एकमात्र उत्पादक है और देश में खनिजों के लिए दूसरे स्थान पर है, जो सिरेमिक क्षेत्र के लिए आवश्यक हैं। समावेशी संतुलित औद्योगिक विकास के विजन के लिए औद्योगिक नीति लागू की गई है।"
उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा 51 एमओयू और एलओआई, 25 औद्योगिक क्षेत्र और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (आरआईपीएस) 2022 का भी शुभारंभ किया गया। इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य उल्लेखनीय व्यावसायिक उद्यमियों, निवेशकों, विचारकों, और नीति और राय निर्माताओं के विभिन्न समूहों को अपने-अपने क्षेत्रों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाना है।
राज्य सरकार ने ₹10.44 लाख करोड़ से अधिक के निवेश को आकर्षित करके एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। राष्ट्रीय भागीदार के रूप में सीआईआई के सहयोग से शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट में दुनिया भर से 4,000 से ज्यादा मेहमान शामिल हो रहे हैं।
अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
हेल्थटेक स्टार्टअप Kenko Health को Sequoia Capital India के नेतृत्व में मिला लगभग ₹91 करोड़ का निवेश
Image Credit: Kenko Health
Up next
50MP कैमरे के साथ Poco M4 Pro 5G हुआ भारतीय बाज़ार में लॉन्च
आशुतोष कुमार सिंह निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज
बीते कुछ सालों से हेल्थटेक क्षेत्र में लगातार भारतीय स्टार्टअप्स अपनी ज़मीन मज़बूत करते नज़र आ रहे हैं। और अब इसी कड़ी में हेल्थटेक स्टार्टअप Kenko Health ने भी अपने सीरीज ए फ़ंडिंग राउंड के तहत $12 मिलियन (लगभग ₹91 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व दिग्गज़ निवेशक Sequoia Capital India ने किया, जिसमें कुछ बड़े मौजूदा निवेशकों Beenext, Orios, 9Unicorns और Waveform Ventures ने भी भागीदारी की।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
Redkenko Health Tech Pvt Ltd नामक मूल कंपनी के तहत काम करने वाला ये स्टार्टअप प्राप्त किए गए इस नए निवेश से स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही, अधिक ग्राहकों को साथ जोड़ने, नए उत्पादों को विकसित करने और एक टीम विस्तार की योजना बना रहा है।
कंपनी अपने ओपीडी कवरेज के तहत दाँतो की चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य, होम-केयर, यौन स्वास्थ्य जैसी कैटेगॉरी को भी जोड़ने पर विचार कर रही है।
साल 2019 में अनिरुद्ध सेन (Aniruddha Sen) और धीरज गोयल (Dhiraj Goel) द्वारा मिलकर शुरू किया गया Kenko Health मूलतः एक सब्स्क्रिप्शन आधारित सर्विस प्लेटफ़ॉर्म है, जो बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी कर ओपीडी और अस्पताल में भर्ती होने के स्वास्थ्य खर्चों को कवर करता है।
यह बड़े व्यवसायों, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs), व्यक्तियों और परिवारों के लिए हेल्थ-केयर योजनाएं भी प्रदान करता है।
दिलचस्प ये है कि इस प्लेटफ़ॉर्म को मुख्यतः टियर- II शहरों के मध्यम-आय वाले परिवारों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जो स्टैंडर्ड स्वास्थ्य बीमा योजनाओं या अपने ऑफ़िसों आदि द्वारा कोई हेल्थ कवर हासिल नहीं कर पाते हैं।
कंपनी के सह-संस्थापक, अनिरुद्ध सेन ने कहा,
“हमें बेहद ख़ुशी है कि हमारे निवेशक हमें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। उनकी विशेषज्ञता और नेटवर्क हमें सही दिशा में ले जाएगा। नए फंड के चलते हम अपने चैनलों का विस्तार करने, आने वाले महीनों में विकास को गति देने का काम करेंगें।”
“बाजार में पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्वास्थ्य बीमा खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो इस बात की ओर संकेत देती है कि लोग अब व्यापक स्वास्थ्य समाधान की तलाश में हैं और अगर यह उनके बजट में है तथा वाक़ई उनके लिए लाभदायक साबित होता है, तो वे इसे खरीदने में संकोच नहीं करते हैं।”
कंपनी का दावा है कि फ़िलहाल वह पूरे भारत में 50,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंच हासिल कर सकी है और मार्च 2022 के अंत तक 2.5 लाख नए उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इसकी सेवाएं दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, इंदौर, लखनऊ, विजयवाड़ा, कोच्चि, मैंगलोर सहित देश भर के 40 से अधिक शहरों में उपलब्ध हैं।
Cryptocurrency Jargon: माइनिंग, व्हेल, ब्लॉकचेन; समझिए क्रिप्टो की दुनिया के शब्दों के मतलब
क्रिप्टो में निवेश करने में दिलचस्पी है, लेकिन अब-तब फेर में हैं तो भी आपके लिए बेहद जरूरी है कि निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज आप क्रिप्टो की दुनिया की भाषा को समझते हों. हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे जरूरी शब्दों के बारे में बता रहे हैं जो आप क्रिप्टो निवेश के सफर में जरूर सुनेंगे.
Cryptocurrency की दुनिया में कई ऐसे शब्द हैं, जिनका मतलब आपको पता होना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी निवेश (Cryptocurrency Investment) का एक जाना-माना माध्यम बन गई है. खासकर युवा इसकी तरफ काफी आकर्षित हैं. हालांकि, क्रिप्टो की दुनिया के शब्द यानी जार्गन्स (Cryptocurrency Jargons) थोड़े अटपटे और हैवी हो सकते हैं, जैसे कि- गैस क्या है, व्हेल क्या होता है, या फिर बिटकॉइन या फिर ब्लॉकचेन में क्या फर्क होता है? इन शब्दों के मतलब आपको पता होंगे तो क्रिप्टो की दुनिया थोड़ी और आसान हो जाएगी. अगर आपकी क्रिप्टो में निवेश करने में दिलचस्पी है, लेकिन आप अब-तब के फेर में हैं तो भी आपके लिए बेहद जरूरी है कि आप क्रिप्टो की दुनिया की भाषा को समझते हों. हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे जरूरी शब्दों के बारे में बता रहे हैं जो आप क्रिप्टो निवेश के सफर में जरूर सुनेंगे.
1. माइनिंग
माइनिंग शब्द थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि माइनिंग शब्द का मतलब खनन होता है और इसे कोयला खनन या ऐसे ही किसी दूसरे खनिज के खनन से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन क्रिप्टो माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इक्वेशन सॉल्व करने के बाद रिवॉर्ड के तौर पर यूजर को कॉइन्स मिलते हैं, यहां से इसे या तो किसी बायर को सीधे बेच दिया जाता है या फिर एक्स्चेंज पर इसकी ट्रेडिंग होती है.
हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं, वो खुद इनकी माइनिंग नहीं करते हैं. वो दूसरों के साथ क्रिप्टो एक्सचेंज कर सकते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे आप किसी भी इन्वेस्टमेंट टूल में करते हैं.
2. व्हेल
ऐसे अकाउंट्स, जिनके पास बहुत बड़ी संख्या कॉइन होते हैं और इसकी वजह से वो मार्केट को अपने दम पर प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें व्हेल अकाउंट कहते हैं. अधिकतर पॉपुलर क्रिप्टो कॉइन्स के बहुत से ऐसे व्हेल हैं, जो बाजार में बड़ी हैसियत रखते हैं. यहां तक कि अलग से कुछ ऐसी साइट्स हैं जो इन व्हेल्स अकाउंट को ट्रैक करती रहती हैं ताकि बाजार में पारदर्शिता बनी रहे. इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाजार का रुख कैसा रहने वाला है. बहुत से व्हेल अकाउंट्स या तो बड़े लार्ज फंड्स के हैं, या फिर काफी शुरुआत से क्रिप्टो में निवेश कर रहे निवेशकों के.
3. वॉलेट
निवेशकों को अपनी क्रिप्टो कॉइन्स एक डिजिटल वॉलेट में रखनी होती है. यह क्रिप्टोग्राफी से सुरक्षित होती है और अगर कभी आप अपना पासवर्ड भूल गए तो आप इस वॉलेट का एक्सेस खो देते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज्ड डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम पर काम करती है. यानी कि इसका कोई मुख्य केंद्रबिंदु नहीं है, कोई नियमन नहीं है, ऐसे में निवेशकों को अपने पासवर्ड को लेकर सतर्क रहना होता है.
बता दें कि ये वॉलेट दो तरह के होते हैं- हॉट और कोल्ड. हॉट वॉलेट हमेशा इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है और इससे ऑनलाइन ट्रेडिंग की जाती है, वहीं, कोल्ड वॉलेट एक ऑफलाइन सेफ यानी तिजोरी की तरह होता है, जिसमें आप अपने कॉइन्स सुरक्षित रखते हैं.
4. ब्लॉकचेन
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग विस्तृत तौर पर पीयर-टू-पीयर नेटवर्क यानी कि दो या उससे ज्यादा पक्षों में आपस में डायरेक्ट नेटवर्किंग के जरिए काम करती है. ब्लॉकचेन एक तरह का डिजिटल लेजर यानी बहीखाता है, जिसपर हर क्रिप्टो एक्सचेंज की डिटेल्स स्टोर होती हैं. चूंकि इसमें कोई सेंट्रल डेटाबेस नहीं होता है और कोई भी कहीं से भी ब्लॉकचेन को एक्सेस कर सकता है, ऐसे में हैकिंग से इन्फॉर्मेशन के हैक होने या निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज करप्ट होने का खतरा नहीं रहता है.
5. गैस
गैस उस फीस को कहते हैं तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन करने के लिए चुकानी पड़ती है. इस फीस से माइनर यानी कि कॉइन को जेनरेट करने वाले का खर्चा कवर होता है. माइनर्स हाई-फाई कंप्यूटर्स पर जटिल मैथेमेटिकल इक्वेशन्स को हल करते हैं, जिनके बदले में उन्हें रिवॉर्ड के रूप में कॉइन्स मिलती हैं. फीस कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक को माइनर से कितनी जल्दी क्रिप्टोकरेंसी चाहिए.
6. एड्रेस
एड्रेस उस विशेष पता, अकाउंट, या प्लेटफॉर्म को कहते हैं, जहां क्रिप्टो भेजा जा रहा है. यह किसी बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, लेकिन इसमें बस क्रिप्टोकरेंसी होती है. हर एड्रेस में अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर होते हैं और इनका इस्तेमाल क्रिप्टो संपत्ति को हाई सिक्योरिटी में रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, क्रिप्टो रिसीव कर रहे रिसीवर को अगर इनपर अपनी ओनरशिप साबित करनी पड़े तो ये एड्रेस निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज काम आते हैं.
7. फ्लैट
अधिकतर इस टर्म का इस्तेमाल हमारी ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी के साथ तुलना के लिए चाहिए, फ्लैट करेंसी को सरकार का समर्थन और कानूनी वैधता मिली हुई है. सरकारी करेंसी के चलते केंद्रीय बैंकों को अर्थव्यस्था पर अच्छा नियंत्रण देती है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा कुछ नहीं है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 438