गिफ्ट सिटी भारत के गुजरात राज्य के गांधीनगर में प्लान किया हुआ एक डिस्ट्रिक्ट है। इसमें तमाम तरह के फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी से संबंधित कारोबारी केंद्र हैं। सरकार ने गिफ्ट सिटी को सिंगापुर, दुबई और हांगकांग जैसे क्षेत्रीय फाइनेंशियल हब के मुकाबले खड़ा करने के लिए तमाम तरह के टैक्स छूट का भी ऐलान किया है।

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सेबी ने चंदामा पत्रिका के तीन पूर्व अधिकारियों के शेयर बाजार में ट्रेडिंग से लिंक पर रोक लगाई चंदामा में शेयर बाजार से रहें दूर, सेबी ने जांच के बाद दिया आदेश

शेयर बाजार में (शेयर बाजार में) सेबी की हर गतिविधि पर नजर है (सेबी) ‘चांदमामा’ इन दिनों चर्चा में है। नहीं… नहीं… ये वो चंदा मां, हमारे बचपन की लोरी का हिस्सा, लेकिन ये वो चंदामामा। (चंदामा) कई पीढ़ियों ने इसे पढ़ते हुए अपना बचपन बिताया है। आपने सही अनुमान लगाया… हम बात कर रहे हैं बच्चों की पत्रिका ‘चांदमामा’ की, इस पत्रिका के प्रकाशक जियोडेसिक लिमिटेड को सेबी ने नोटिफाई किया है. (जियोडेसिक लिमिटेड) तीन पूर्व शीर्ष अधिकारियों को शेयर बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। जानिए क्या है पूरी कहानी…

आपको बता दें कि ‘चंदामामा’ की प्रकाशन कंपनी चंदामामा इंडिया लिमिटेड थी, जो जियोडेसिक लिमिटेड की सहायक कंपनी थी।

पैसों की हेराफेरी का मामला सामने आया है

सेबी ने बच्चों की पत्रिका चंदामामा के प्रकाशक जिओडेसिक लिमिटेड के तीन पूर्व शीर्ष अधिकारियों को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में एक साल के लिए शेयर बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी के आदेश के मुताबिक जियोडेसिक की प्रबंध निदेशक किरण कुलकर्णी, कंपनी के पूर्व चेयरमैन पंकज कुमार और कंपनी के निदेशक प्रशांत मुलेकर एक साल तक शेयर बाजार में सौदे नहीं कर सकेंगे.

बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने 2016 में सेबी को एक पत्र भेजा था। इसके बाद, सेबी ने चंदामामा के प्रकाशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू किया। इस पत्र में सेबी ने एचडीएफसी बैंक लि. बनाम जियोडेसिक मामले में उच्च न्यायालय के आदेश की जानकारी स्थिति ट्रेडिंग क्या है दी गई और आगे सेबी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को फर्म के निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

जियोडेसिक के खिलाफ मामला क्या था?

सेबी ने सोमवार को जियोडेसिक के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ 56 पन्नों का आदेश पारित किया। जांच में पता चला कि इन लोगों ने 2008 में विदेशी निवेशकों से विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड लिए थे। (एफसीसीबी) द्वारा 12.5 मिलियन जुटाए गए हैं यह फंड पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों सहित अन्य कंपनियों में निवेश के उद्देश्य से जुटाया गया था।

वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए कंपनी की किताबें और खाते भ्रामक वित्तीय आंकड़ों से भरे हुए थे। यह कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में सही और वास्तविक डेटा नहीं दिखाता है।

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(भाषा इनपुट के साथ)

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सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की स्थिति ट्रेडिंग क्या है ट्रेडिंग 15 जुलाई से गुजरात में शुरू होगी, जानिए इसकी खास बातें

शुक्रवार से गुजरात के गांधी नगर स्थित इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC)में सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग शुरू होने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी डॉलर आधारित निफ्टी फ्यूचर्स लॉन्च करने वाले हैं। पीएम मोदी गांधीनगर के गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (Gujarat International Finance Tech (GIFT) में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन करने वाले हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि शुरुआती कुछ महीनों में SGX Nifty फ्यूचर्स की ट्रेडिंग GIFT-IFSC और SGX पर साथ-साथ होगी। उसके बाद इस प्रोडक्ट की ट्रेडिंग सिंगापुर से बंद कर दी जाएगी।

गिफ्ट सिटी में अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और SGX ने NSE इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) SGX कनेक्ट नाम का एक स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) बनाया है। SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट सिटी में हर कारोबारी दिन लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी।

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क्या है SGX Nifty

SGX Nifty को सिंगापुर निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसके जरिए सिंगापुर एक्सचेंज में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के सौदे लिए जा सकते हैं। इसमें होने वाले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का सेटलमेंट भारतीय स्टॉक एक्सचेंज NSE पर होने वाले सेटलमेंट प्राइस पर ही होता है। इसके जरिए विदेशी निवेशकों को भारत में रजिस्ट्रेशन कराए बिना या भारत आए बिना भारतीय बाजार में निवेश की सुविधा मिलती है।

चूंकि SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देता है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं। इसके अलावा SGX Nifty भारतीय बाजारों की ओपनिंग कैसी होगी इसका संकेत देने वाला एक अच्छा स्थिति ट्रेडिंग क्या है स्थिति ट्रेडिंग क्या है इंडिकेटर भी माना जाता है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रेडर SGX Nifty की चाल पर नजर रखते हैं।

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान, जरा सी लापरवाही पड़ेगी भारी

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - July 7, 2021 / 01:02 PM IST

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान, जरा सी लापरवाही पड़ेगी भारी

आईपीओ से जुटाई राशि और फीस का अनुपात देखें तो सबसे ज्यादा अनुपात अमी ऑर्गेनिक्स का है. लीड मैनेजर्स ने अमी ऑर्गेनिक्स के मामले में जुटाई गई राशि की 7.3% फीस वसूल की

कैपिटल मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) आसान तरीका है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के बहुत फायदे है, लेकिन इसमें आपकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है, क्योंकि छोटी सी गलती या लापरवाही आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती है. चूंकि ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) एक क्लिक पर संभव है, इसलिए निवेश करना इतना आसान होता है कि लोग अक्सर निवेश के पहलू और इसमें शामिल जोखिमों को भूल जाते हैं. ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) करते वक्त कुछ बातें ध्यान में रखने से आपको सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने में और सभी संभावित जोखिमों के खिलाफ खुद को तैयार और शिक्षित करने में मदद मिलेगी. ऑनलाइन ट्रेडिंग (O nline Trading ) का आनंद लें, लेकिन सुरक्षित और निर्बाध ट्रेडिंग के लिए क्या करें और क्या न करें, इस पर भी नज़र रखें. यहां हम ऐसी कुछ बातें समजने का प्रयास करेंगे जो ओनलाइन ट्रेडिंग में आपके काम आ सकती है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिए

– यदि आप ट्रेडिंग की दुनिया में नए है तो पहला कदम खुद को शिक्षित करने का होना चाहिए. ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए निवेश शुरू करने का निर्णय लेने से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है. इसके साथ जुडे लोगों से बात करें और प्लस एवं माइनस पॉइन्ट्स को समजने की कोशिश करे.
– अपने ट्रेडिंग अकाउंट को हैकिंग के खतरे से बचाने के लिए नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहे औऱ आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए दोहरे प्रमाणीकरण पर जोर देना चाहिए.
– सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता एक निर्बाध श्रृंखला में जुड़ा हुआ है. ऐसा करने से बैंक खाते और डीमैट खाते में डेबिट और क्रेडिट सहजता से होता रहेगा.
– अपने डीमैट खाते से ओटोमेटिक डेबिट के लिए पावर ऑफ एटर्नी करवा ले. इस तरह, आपको हर बार अपने डीमैट खाते से शेयर बेचने पर डेबिट निर्देश पर्ची (DIS) जमा करने से छूटकारा मिलेगा.
– जब आपकी ट्रेड बुक अपडेट हो जाती है, तो इसे अपने इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट से दैनिक आधार पर क्रॉस चेक जरूर करें.
– अपने प्रोफिट स्टेटमेंट को अपने खाता बही से भी जांचें औऱ सुनिश्चित करे कि आपके खाते से जितने भी शुल्क डेबिट किए गए हैं वो किस तरह के चार्जिस के तहत आते है.

भारत में इंसाइडर ट्रेडिंग

भारत में इंसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी नजर रखती है और सेबी द्वारा इंसाइडर ट्रेडिंग के लिए नियम भी बनाए गए हैं जो काफी कड़े हैं. यदि कोई इन नियमों के खिलाफ ट्रेडिंग करता है तो उसे गैर कानूनी माना जाता है और उसके लिए अलग-अलग निर्धारित है. यदि कोई प्रमोटर शेरहोल्डर नियमों के अधीन ट्रेडिंग करता है तो उसके लिए किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होती है.

भारत में कई ऐसे मामले हैं जो हाल ही में सामने आए हैं जोकि इंसाइडर ट्रेडिंग के हैं. और इसके चलते सभी ने कई सारी कंपनियों और ट्रेडर के ऊपर कानूनी रूप से इन पर प्रतिबंध और जुर्माना लगाया है.

इंसाइडर ट्रेडिंग करने पर ट्रेडर पर ट्रेडिंग करने से रोक लगाई जाती है जोकि सेबी के नियमों के अधीन होती है और वह ट्रेडर भविष्य में ट्रेडिंग नहीं कर सकता है.

इनसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी

सेबी द्वारा इंसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं और इसे रोकने के लिए मार्केट सर्विलांस सिस्टम लागू किया गया है. इसके तहत कंपनियों के शेयर और उनके ट्रेडिंग पर नजर रखी जाती हैं, और ट्रेडिंग चार्ट पर बदलाव को दिखा जाता है जब भी कोई असामान्य पैटर्न नजर आता है तो सेबी सतर्क हो जाती है और यह देखती है कि जिस शेयर के चार्ट में असामान्य बदलाव आ रहे हैं उसमें इंसाइडर ट्रेडिंग तो नहीं हो रही है. और यदि ऐसा होता है तो वह तुरंत इस पर एक्शन ले लेती है.

  1. कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई घोषणा या उससे जुड़ी बड़ी खबर बाजार में जारी की जाती है तो कंपनी से जुड़े प्रमोटर मैनेजमेंट या कर्मचारियों को 48 घंटे के दौरान ट्रेडिंग करने की अनुमति नहीं होती है.
  2. यही नियम कंपनी से जुड़े ऑडिटर एडवाइजर, और इससे जुड़े विश्लेषक पर भी लागू होता है.
  3. कंपनी की प्रत्येक तिमाही पर जब कंपनी अपने परिणाम घोषित करती है तब भी 48 घंटों के लिए ट्रेडिंग विंडो बंद रखने का नियम लागू कर दिया जाता है.

इंसाइडर ट्रेडिंग के नुकसान

  • इंसाइडर ट्रेडिंग एक का नेम रुप से अवैध तरीका है जिसके चलते हैं इंसाइडर ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति और कंपनी की आंतरिक जानकारी देने वाले व्यक्ति दोनों को ही कानून द्वारा आर्थिक क्षति पूर्ति और जुर्माना स्थिति ट्रेडिंग क्या है भी लगाया जा सकता है. जब भी इंसाइडर ट्रेडिंग की जानकारी सभी को प्राप्त होती है तब वह उस पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करती है.
  • इंसाइडर ट्रेडिंग से कंपनी को नुकसान हो सकता है.
  • इंसाइडर ट्रेडिंग के द्वारा कंपनी के निवेशको को नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
  • बड़ी कंपनियों में इंसाइडर ट्रेडिंग से देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो सकता है.

इंसाइडर ट्रेडिंग नियमों में रहकर की जाती है तो या सभी के लिए अच्छा होता है वहीं यदि इसे नियमों के खिलाफ किया जाता है तो कानूनी रूप से काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इंसाइडर ट्रेडिंग एक क्षण भर के लिए मुनाफा कमाने जैसा है जिसे सेबी कभी भी आपसे छीन सकती है.

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