पैसा विदेशी मुद्रा

न्यूनतम एक वर्ष विदेश में सतत रहने के बाद स्थायी रूप से लौट रहे अनिवासी भारतीयों, भारत में बैंकों में निवासी, विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं. जो एक साल से भी कम रहने के बाद लौट आए हैं, आरएफसी खाता खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति प्राप्त करनी होगी.

किसी आरएफसी खाते में धारित फंड रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना विदेश में स्वतंत्र रूप से प्रेषित किये जा सकते हैं. भारत में भुगतान करने के लिए धन भी रुपए में निकाला जा सकता है . अगर बाद में कोई अप्रवासी भारतीय बनने के लिए विदेश चला जाता है तो उनके आरएफसी खाते के राशि को एनआरई / एफसीएनआर खाते में परिवर्तित किया जा सकता हैं.

अगर कोई व्यक्ति "निवासी लेकिन आमतौर पर निवासी पैसा विदेशी मुद्रा न हो “, के रूप में लंबे समय तक स्थिति बनाये रखता है तो, जमा ब्याज पर टैक्स से छूट दी जाएगी. एनआरई/एफसीएनआर खातों और अन्य विदेशी मुद्रा विनिमय फंड वापसी के समय RFC डिपॉजिट में निवेश किया जा सकता है. इसी प्रकार उसकी विदेशों में रखी संपत्ति की आय का भी निवासी विदेशी मुद्रा खाते में रखा जा सकता है.

इंटरनेट बैंकिंग

union

union

Rewarded

Earn reward points on transactions made at POS and e-commerce outlets

Book your locker

Deposit lockers are available to keep your valuables in a stringent and safe environment

Financial Advice?

Connect to our financial advisors to seek assistance and meet set financial goals.

विदेशी मुद्रा भंडार लुढ़क कर पहुंचा 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर, गोल्ड रिजर्व की वैल्यू भी घटी

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में एक बार फिर गिरावट का दौर लगातार जारी है। इस गिरावट के साथ यह 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा है। इस बात पैसा विदेशी मुद्रा पैसा विदेशी मुद्रा का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से होता है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 सितंबर 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है, जबकि, 19 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है। वहीँ, 12 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पैसा विदेशी मुद्रा पर आ पहुंचा था। वहीँ, अगर 5 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार देखे तो यह 2.23 अरब डॉलर 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। इस प्रकार वर्तमान समय में दर्ज हुई गिरावट 7.941 अरब डॉलर देखने को मिली है। इस प्रकार यह 2 साल पैसा विदेशी मुद्रा के निचले स्तर पर आ पहुंचा है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से एक- दो बार बढ़त दर्ज हुई थी, लेकिन अब एक बार फिर गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 38.303 अरब डॉलर पर आ गया, इसमें 1.339 अरब डॉलर पर आ गिरी हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में बढ़त दर्ज हुई थी। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के पैसा विदेशी मुद्रा आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।

आंकड़ों के अनुसार FCA :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा पैसा विदेशी मुद्रा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 5 करोड़ डॉलर घटकर 17.782 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, IMF में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.4 करोड़ डॉलर गिरकर 4.902 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 6.527 अरब डॉलर की पैसा विदेशी मुद्रा गिरावट के साथ 492.117 अरब डॉलर रह गई है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

RBI ने रुपये को बचाने के लिए खूब बेचे डॉलर, विदेशी मुद्रा भंडार में दूसरे हफ्ते पैसा विदेशी मुद्रा आई बड़ी गिरावट

वहीं सोने के रिजर्व का मूल्य 1.831 अरब डॉलर घटकर 42.011 अरब डॉलर रह गया। (Pti)

समाचार एजेंसी Ani की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे हफ्ते गिर गया है। इसके गिरने का कारण रुपये का कमजोर होना था। RBI को फौरी तौर पर डॉलर निकालने पड़े जिससे Forex Reserve पर असर पड़ा।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। भारत का विदेशी मुद्रा का भंडार लगातार दूसरे हफ्ते और ज्‍यादा घट गया है। 18 मार्च को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा (Forex Reserve) भंडार 2.59 बिलियन डॉलर तक गिर गया। ऐसा लगातार दूसरे हफ्ते हुआ है जब इसमें तेज गिरावट दर्ज की गई। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए डॉलर की भारी बिक्री की।

RBI के वीकली रीव्‍यू के अनुसार 18 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार पैसा विदेशी मुद्रा 2.597 बिलियन डॉलर घटकर 619.678 बिलियन डॉलर पर आ गया। सोने के भंडार के साथ-साथ विदेशी मुद्रा संपत्ति के मूल्य में तेजी से गिरावट आई। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट का यह लगातार दूसरा हफ्ता था। 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 9.646 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी, जो लगभग दो साल में सबसे तेज गिरावट थी। देश के पैसा विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट उस सप्ताह से मेल खाती है, जिस दौरान रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। भारतीय रुपया 7 मार्च को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.02 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था।

Premium Train Fairs on christmas New year (Jagran File Photo)

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, जो विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है, 18 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान 703 मिलियन डॉलर गिरकर 553.656 बिलियन डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा संपत्ति पिछले सप्ताह में 11.108 बिलियन डॉलर कम हो गई थी। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, यूके के पाउंड स्टर्लिंग और जापानी येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्रा का भी आंकड़ा शामिल है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का मूल्य 1.831 अरब डॉलर घटकर 42.011 अरब डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में तेज उछाल से 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में सोने के भंडार का मूल्य 1.522 अरब डॉलर बढ़ गया था।

रेटिंग: 4.41
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 589