Ration Dealer से सम्बंधित आपको अगर शिकायत दर्ज करनी है तो आपको सबसे पहले आप इसके आधिकारिक साइट पर जाकर आप शिकायत दर्ज करें विकल्प पर जाकर इसका शिकायत कर सकते है।

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Bihar Ration Dealer 2022 : बिहार राशन डीलर कैसे बने 2022, क्या डीलर बनने की पात्रता

Ration Dealer 2022 एक ऐसी उपस्थिति है जिसके माध्यम से सरकार द्वारा हमें राशन मिलता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ration dealer के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है राशन कार्ड जो की एक कार्ड होता है, जिसके माध्यम से सरकार द्वारा सभी क्षेत्रो मे हर माह अनाज देकर दुकान से कम रेट मे लोगो को मदद पहुचाई जाती है।

सभी गावों मे सरकारी राशन दुकान उपस्थित होती है, जिसके द्वारा सभी को अनाज उपलब्ध कराया जाता है। यह जानकारी आपको आगे की बातों को समझने के लिए बता दिया। लेकिन आज हम Ration Dealer 2022 के बारे मे बात बताने जा रहे है। जहां आपको जानकारी मिलेगी- Ration Dealer kaise Bane, Ration Dealer Banane Se Kya Labh Hai.

Table of Contents

Ration Dealer Kya Hai [ राशन डीलर क्या है ]

Ration Dealer 2022 सरकार द्वारा दुकान से कम दामो मे APL / BPL कार्ड द्वारा जो राशन हमे उपलब्ध करती है उसे Ration Dealer कहते है। इसका न्यूक्ति सरकार द्वारा किया जाता है। जो हर वार्ड मे रहता है। जिसके माध्यम से हमे समय पर सरकार से मिलने वाली सहायता जैसे- चावल, दाल, गेहूं, चीनी आदि सभी राज्यों मे अलग-अलग प्रदान किया जाता है। Ration Dealer का एक सरकारी दुकान होता है।

राशन डीलर बनने का पात्रता क्या- क्या है

अब राशन डीलर हर कोई भी बनने के लिए आवेदन कर सकता है और सही पात्रता होने पर वह राशन डीलर बन भी सकता है राशन डीलर बनने के लिए आपको इसका ऑनलाइन या ऑफलाइन इसका आवेदन करना होगा इसके कुछ आपको पात्रता को पूरा करना होगा।

  • आवेदक कर्ता का आयु 18 वर्ष से ऊपर हो ( अलग- अलग राज्यों में अलग- अलग उम्र होता है)
  • व्यक्ति न्यूनतम 10 वीं पास हो ( ये भी अलग- अलग राज्यों में अलग- अलग शैक्षणिक योग्यता मांगती है)
  • आवेदक के बैंक खाते में लगभग 40 हजार रुपये होनी जरुरी है
  • व्यक्ति किसी भी जॉब या फिर पॉलीटिशन से जुड़े न हो
  • व्यक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का मुक़दमा दर्ज ना हो
  • इसके साथ व्यक्ति को अगर कंप्यूटर का ज्ञान है तो उसको भी इसमें लाभ मिल सकता है

Ration Dealer Kaise Bane Bihar | राशन डीलर कैसे बने बिहार

सरकारी राशन दुकान को चलाने वाला व्यक्ति राशन डीलर कहलाता है जो की हर गावं में होता है और हमें राशन समय समय पर दे दिया करता है। अगर आप भी चाहते है की राशन डीलर कैसे बनाते है तो यह पद के लिए आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में किसी एक द्वारा आपको इसका आवेदन करना होगा। राशन डीलर कैसे बने ऑनलाइन आवेदन इसका पुर जानकारी दिया गया है।

  • राशन डीलर बनने के लिए सबसे पहले आपको इसका आवेदन करना होगा। आवेदन फॉर्म पर
  • आवेदन फॉर्म आपको आधिकारिक वेबसाइट या फिर खाद्य विभाग से मिल जायेगा
  • ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे।
  • आपके सामने फॉर्म खुलकर आ जायेगा
  • आपको फॉर्म में नाम, पता, पिता- माता का नाम
  • शैक्षणिक योग्यता सभी चीजों का विवरण पूर्ण रूप से भर दे।
  • सभी लिखावट साफ होनी चाहिए।
  • इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेज आपको उसका छायापात्री फॉर्म से जोड़ना होगा।
  • अब आपको फॉर्म को अनुमंडल पदाधिकारी/ खंड विकास पदाधिकारी के पास जमा करना होगा
  • अब आपका फॉर्म की जाँच जिलास्तरीय चयन समिति द्वारा किया जायेगा।
  • सभी चीजे सही पाने पर आपका लाइसेंस बनाया जायेगा राशन डीलर बनाने के लिए।

वितरण प्रक्रिया क्या है (What is distribution process in Hindi):

वितरण प्रक्रिया (Distribution Process) से हमारा आशय उस प्रक्रिया है जिसमे कंपनी अपने उत्पाद या सेवाओं को ग्राहकों को उपलब्ध कराती है | कंपनी के उत्पाद ग्राहकों तक विभिन्न माध्यमों जैसे स्टोर, ई-कॉमर्स वेबसाइट, एक से अधिक फूटकर विक्रेताओं, टेलीमार्केटर इत्यादि के द्वारा पहुँचते हैं |

इस प्रणाली में एक नहीं बल्कि अनेकों मध्यस्थ शामिल होते हैं जो उत्पाद को अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचाने में मदद करते हैं | इस प्रणाली अर्थात सप्लाई चेन से सम्बंधित दो मुख्य मध्यस्थों को ही डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर कहा जाता है | इससे पहले की हम इन दो मध्यस्थों के बीच पाए जाने वाली असमानताओं अर्थात अंतर की बात करें सबसे पहले डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर की परिभाषा जान लेते हैं |

डीलर कौन है डीलर की परिभाषा (Definition of Dealer in Hindi):

डीलर से अभिप्राय एक ऐसे व्यक्ति या बिज़नेस इकाई से है जो अपने खाते से सामान खरीदने की गतिविधियों में शामिल है और उस सामान को स्टॉक करके बेचता है | साधारण शब्दों में एक डीलर वह व्यक्ति या इकाई होती है जो किसी विशेष उत्पाद की ट्रेडिंग करता हो | वह स्वयं का एक खाता संचालित करता है जिस एक आधिकारिक डीलर क्या है पर नियमित व्यवसाय के तौर पर स्वयं के कमर्शियल ट्रेडिंग करता है | डीलर माल के वितरक एवं उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ होता है जो वितरक से माल लेकर उपभोक्ता को बेचता है |

वे उस विशेष क्षेत्र में वस्तुओं के अधिकृत विक्रेता कहलाते हैं | एक डीलर दूसरे डीलर के या एक अलग क्षेत्र के ग्राहकों एक आधिकारिक डीलर क्या है को आकर्षित कर सकता है । यही कारण है की विभिन्न डीलरों के बीच एक भयंकर प्रतिस्पर्धा चलती है और हर एक डीलर को अपने ग्राहकों को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए ग्राहकों के साथ अच्छी तरह से व्यवहार करना पड़ता है । अलग अलग ब्रांड के डीलर अलग अलग लाभ की प्राप्ति करते हैं जहाँ एक डीलर के पास ग्राहकों का मजबूत आधार होता है वही दूसरे के पास कुछ ही ग्राहक होते हैं |

वितरक कौन है वितरक की परिभाषा (Definition of Distributor in Hindi):

वितरक से हमारा अभिप्राय ऐसे व्यक्ति या इकाई से है जो उत्पादों के निर्माता एवं डीलर के बीच मिडिल मैन की भूमिका अदा करता है | वे वे व्यक्ति या इकाई होती हैं जो पूरे बाजार में माल की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार होती हैं | चूँकि वितरक यानिकी (Distributor) एक एजेंट के रूप में कार्य करता है इसलिए इनका विनिर्माण इकाइयों के साथ सीधा संपर्क रहता है | वितरक विनिर्माण इकाइयों से सामान खरीदता है और उन वस्तुओं को उनकी तरफ से अन्य पार्टियों को बेचता है |

साधारण शब्दों में बात करें तो डिस्ट्रीब्यूटर यानिकी वितरक को निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा किसी विशेष क्षेत्र में अपने उत्पादों को बेचने के लिए नियुक्त और अधिकृत किया जाता है | इसलिए वितरक को छोड़कर उस कंपनी के उत्पाद उस निर्धारित क्षेत्र में किसी अन्य को बेचने का अधिकार नहीं होता है | इसलिए डीलर एवं खुदरा विक्रेताओं द्वारा वितरक यानिकी डिस्ट्रीब्यूटर से ही माल ख़रीदा जाता है |

डायरेक्ट इनडायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन:

जब एक वितरक द्वारा यानिकी डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा ही अंतिम उपभोक्ता को सामान बेचा जाता है तो इस प्रक्रिया को डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन कहते हैं | जबकि यदि अंतिम उपभोक्ता तक सामान पहुँचाने के लिए अनेक मध्यस्थों का सहारा लिया जाता है तो यह प्रक्रिया इनडायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन कहलाती है |

डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर में प्रमुख अंतर इस प्रकार से है |

  • डीलर वितरक और उपभोक्ता के बीच एक लिंक बनाता है जबकि वितरक विनिर्माण इकाई को डीलर से कनेक्ट करता है | कहने का आशय यह है की डीलर वितरक एवं उपभोक्ता के बीच की कड़ी है तो वहीँ वितरक विनिर्माण इकाई और डीलर के बीच की कड़ी है |
  • डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर में दूसरा सबसे बड़ा अंतर यह है की डीलर वस्तुओं को अपने खाते से खरीदता है और फिर अपने स्टॉक से उन वस्तुओं को अंतिम उपभोक्ता को बेचता है | जबकि वितरक सीधे कंपनी से माल खरीदता है और इसे डीलर एवं उपभोक्ता दोनों को बेचता है |
  • चूंकि डीलर अपनी तरफ से कारोबार करता है, इसलिए उनका काम प्रिंसिपल की तरह होता है । इसके विपरीत, एक वितरक (Distributor) कंपनी के नाम पर माल की आपूर्ति करता है; इसलिए कहा जा सकता है की वितरक कंपनी के एजेंट के तौर पर कार्य करते हैं ।
  • डीलर किसी विशेष श्रेणी के उत्पाद में सौदा करता है जबकि वितरक विभिन्न प्रकार के उत्पादों में सौदा करते हैं |
  • डीलर को उच्च प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है जबकि वितरक इस मामले में थोड़े भाग्यशाली हैं |
  • डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर में यह अंतर सेवा क्षेत्र (Serving Area) से जुड़ा हुआ है, डीलरों का सेवा क्षेत्र किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित होता है, लेकिन वितरक तुलनात्मक रूप से बड़े क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं, जरुरत पड़ने पर, उनके संचालन के क्षेत्र को विभिन्न शहरों, और राज्यों तक बढ़ाया जा सकता है ।
  • निर्माता, वितरक, डीलर और ग्राहक एक ऐसी आपूर्ति श्रंखला के हिस्से हैं जिसके माध्यम से एक उत्पाद उपभोक्ताओं के हाथों तक पहुँचने में सफल होता है | कई बार लोगों द्वारा डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर को एक ही समझ लिया जाता है लेकिन इस लेख में स्पष्ट कर चुके हैं की ये दोनों शब्द अलग अलग हैं | वितरक एक बड़े क्षेत्र की सेवा में संग्लन रहते हैं इसलिए एक वितरक (Distributor) कई डीलरों को अपना उत्पाद बेचते हैं | डीलर को दूसरे शब्दों में खुदरा वितरक (Retail Distributor) भी कहा जाता है |

एक आधिकारिक डीलर क्या है

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राशन डीलर बनने के लिए पात्रता क्या है ?

राशन डीलर कौन बन सकता है और कौन नहीं ये भी जानना आवश्यक है। राशन डीलर का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको खाद्य विभाग द्वारा निर्धारित मापदंडो को पूरा करना होगा। इसके लिए क्या पात्रता होनी चाहिए उसे आप नीचे लिस्ट में देख सकते है –

  • आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष हो (ये अलग-अलग राज्य में अलग हो सकता है)
  • आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास हो (ये अलग-अलग राज्य में अलग हो सकता है)
  • कंप्यूटर ज्ञान रखने वाले आवेदकों को चयन में लाभ मिलेगा।
  • आवेदनकर्ता के विरुद्ध न्यायालय में कोई अपराध पंजीकृत ना हो।
  • आवेदक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत कोई भी मामला पंजीकृत नहीं होना चाहिए।
  • आवेदक ग्राम प्रधान के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
  • आवेदक को पहले से ही राशन दुकान आबंटित नहीं होनी चाहिए।
  • राशन डीलर बनने हेतु आवेदक के बैंक अकाउंट में न्यूनतम 40 हजार रूपये होना चाहिए।

राशन डीलर की कितनी सैलरी होती है ?

राशन डीलर की सैलरी नहीं होती उन्हें सिर्फ कमीशन मिलता है। अब ये राशन डीलर को कमीशन कितना मिलता है तो ये 75 से 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से मिलता है। ये कमीशन अलग – अलग राज्यों के अनुसार अलग – अलग हो सकता है। इसके अलावा डीलर को बचे हुए राशन दे भी कुछ आय मिल जाती है। तो डीलर बनने एक आधिकारिक डीलर क्या है से पहले आपको ये जानना बहुत आवश्यक है कि राशन डीलर की सैलरी नहीं होती उन्हें कमीशन मिलता है।

सारांश -:

राशन डीलर बनने के लिए सबसे पहले निर्धारित आवेदन फॉर्म प्राप्त करें। इसके बाद फॉर्म को साफ – साफ बिना कोई गलती किये भरें। फॉर्म को पूरा भरने के बाद आवश्यक सभी दस्तावेज अटैच कर दें। फिर तैयार किये गए आवेदन फॉर्म को अनुमंडल पदाधिकारी/खंड विकास अधिकारी के पास जमा कर दें। राशन डीलर के लिए प्राप्त हुए सभी आवेदन फॉर्म की जाँच जिलास्तरीय चयन समिति द्वारा किया जायेगा। इसके बाद जाँच में पात्र जाने वाले आवेदक को राशन डीलर हेतु लाइसेंस मिल जायेगा।

राशन डीलर बनने के लिए पात्रता क्या होना चाहिए ?

अगर आप राशन डीलर बनना चाहते है, तो सबसे पहले आपको पात्रता की जानकारी होना जरुरी है। क्योंकि अगर आप अपात्र है और आवेदन करेंगे तब आपका आवेदन रिजेक्ट हो जायेगा। इसलिए उसी व्यक्ति के नाम से आवेदन करें जो इसके लिए पात्र हो। राशन डीलर के लिए क्या पात्रता है, इसे यहाँ चेक करें –

  • राशन डीलर बनने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष हो (ये अलग-अलग राज्य में अलग हो सकता है)
  • आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास हो (ये भी अलग-अलग राज्य में अलग हो सकता है)
  • कंप्यूटर शिक्षा का ज्ञान रखने वाले आवेदकों को चयन प्रक्रिया में लाभ मिलेगा।
  • आवेदनकर्ता के विरुद्ध न्यायालय में कोई अपराध पंजीकृत ना हो।
  • आवेदक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत कोई भी मामला पंजीकृत नहीं होना चाहिए।
  • आवेदक ग्राम प्रधान के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
  • आवेदक पहले से ही राशन डीलर यानि उन्हें पहले से ही राशन दुकान आबंटित नहीं होनी चाहिए।
  • राशन डीलर बनने हेतु आवेदक के बैंक अकाउंट में न्यूनतम 40 हजार रूपये होना चाहिए।

राशन डीलर बनने के लिए क्या – क्या डॉक्यूमेंट लगते है ?

अगर आप राशन डीलर के लिए आवश्यक पात्रता को पूरा करते है तो आप आवेदन कर सकते है। लेकिन आपका आवेदन तभी स्वीकार होगा, जब आपके पास निर्धारित सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध होंगे। राशन डीलर हेतु आवेदन करने के लिए क्या – क्या डॉक्यूमेंट लगते है इसकी लिस्ट यहाँ चेक करें –

  • आधार कार्ड।
  • निवास प्रमाण पत्र।
  • आरक्षण वर्ग का प्रमाण पत्र।
  • शैक्षणिक योग्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्र।
  • आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष हो, इस आशय का प्रमाण पत्र।
  • आवेदक के परिवार का किसी भी सदस्य के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में अभियोग पंजीकृत ना होने सम्बंधित शपथ पत्र।
  • आवेदक के परिवार में किसी अन्य सदस्य के नाम कोई राशन दुकान आबंटित न हो, इस आशय का प्रमाण पत्र।
  • आवेदक के ग्राम प्रधान का पारिवारिक सदस्य न होने सम्बंधित शपथ पत्र।
  • आवेदक के बैंक खाते में न्यूनतम 40 हजार रूपये होने सम्बंधित शपथ पत्र।
  • पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र।
  • जिला अधिकारी द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र।

राशन डीलर को कितनी सैलरी मिलती है ?

अगर आप राशन डीलर बनना चाहते है, तो इसकी सैलरी की जानकारी आपको होना आवश्यक है। आपको बता दें कि राशन डीलर को सैलरी नहीं मिलती है, उन्हें सिर्फ कमीशन मिलता है। अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि राशन डीलर को कमीशन कितना मिलता है, है न ? तो चलिए इसके बारे में भी आपको बताते है।

राशन डीलर को 75 से 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से कमीशन मिलता है। ये कमीशन अलग – अलग राज्यों के अनुसार अलग – अलग हो सकता है। इसके अलावा डीलर को बचे हुए राशन से भी कुछ आय मिल जाती है। तो राशन डीलर बनने से पहले आपको ये जानना बहुत आवश्यक है, कि राशन डीलर की सैलरी नहीं होती उन्हें सिर्फ कमीशन में काम करना होता है।

राशन डीलर बनने के लिए आवेदन कैसे करना है ?

अगर आप राशन डीलर के लिए पात्र है और निर्धारित सभी डॉक्यूमेंट आपके पास है तो आप आवेदन कर सकते है। लेकिन अधिकांश लोगों को आवेदन की प्रक्रिया नहीं मालूम। इसलिए यहाँ हम स्टेप by स्टेप सरल तरीके से बता रहे है कि राशन डीलर बनने के लिए आवेदन कैसे करते है ? इसे आप ध्यान से पढ़ें –

  • राशन डीलर हेतु आवेदन करने के लिए खाद्य विभाग के कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा।
  • आवेदन फॉर्म आप ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते है। यहाँ दिए गए लिंक के द्वारा आप पीडीएफ में आवेदन फॉर्म का नमुना प्राप्त कर सकते है – लिंक
  • आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के बाद सबसे पहले डीलर हेतु आवेदक का का नाम, पिता/पति का नाम एवं पता साफ अक्षरों में भरें।
  • शैक्षणिक प्रमाण पत्र के अनुसार आवेदक की जन्म तिथि एवं शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य रूप से ध्यान से भरें।
  • आवेदन फॉर्म में स्व – सहायता समूह का विवरण भी ध्यान से भरें।
  • किस स्थान पर राशन डीलर बनने के लिए आवेदन करना चाहते है, उसका स्पष्ट उल्लेख कीजिये।
  • व्यक्तिगत जानकारी के साथ आवेदन फॉर्म में पूछे गए सभी जानकारी को ध्यान से भरें। अधूरे आवेदन जमा करने से आपका आवेदन अस्वीकार हो सकता है।
  • आवेदन फॉर्म के साथ आवश्यक सभी दस्तावेज लगाना अनिवार्य है। डाक्यूमेंट्स की पूरी लिस्ट हमने पहले ही दे दिया है।
  • डीलर बनने हेतु पूर्ण रूप से तैयार किये गए आवेदन फॉर्म को अनुमंडल पदाधिकारी/खंड विकास अधिकारी के पास जमा करें।
  • राशन डीलर बनने हेतु प्राप्त आवेदनों की जाँच जिलास्तरीय चयन समिति द्वारा किया जायेगा।
  • चयन समिति द्वारा जाँच में पात्र पाए जाने वाले आवेदकों को राशन डीलर हेतु लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा।
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